ब्लेज़र
ब्लेज़र एक प्रकार का जैकेट होता है, जिसे एक अच्छे दिखने वाले अनौपचारिक पोशाक के रूप में पहना जाता है। ब्लेज़र शब्द कभी-कभी, दो अलग प्रकार के वस्त्रों, बोटिंग जैकेट और स्पोर्ट्स जैकेट के समानार्थक के रूप में प्रयोग किया जाता है। ब्लेज़र, अनौपचारिक तौर पर एक सूट कोट से मिलता जुलता होता है - जो कभी-कभी पट्टेरहित पैच पॉकेट और धातु के बटन से युक्त होता है। ब्लेज़र बाहर पहनने वाला स्पोर्ट्स जैकेट होता है इसलिए इसका कपड़ा आमतौर पर टिकाऊ (14 ओजेड) होता है। शैलीगत ढंग से, ब्लेज़र प्रायः यूनिफार्म के रूप में प्रयोग की जाने वाली पोशाक होते हैं, अर्थात, एयरलाइन, स्कूल और नौकायान और नौका विहार के समय पहने जाने वाली पोशाक.
ब्लेज़र शब्द, दो भिन्न प्रकार के जैकेट की ओर संकेत करता है; पहला, वास्तविक ब्लेज़र, यह इकहरे अग्रभाग वाला बोट क्लब जैकेट होता था, जो चटक रंग का, प्रायः धारीदार कपडे का और विपरीत रंग की पाइपिंग लगा होता था, यह प्रारंभ में अनिवार्य रूप से स्पोर्ट्स जैकेट की तरह प्रयोग किया जाता था, जिसे नौकायान के दौरान पहना जाता था। दूसरा ब्लेज़र एक चुस्त, आदर्श कट वाला, दोहरे अग्रभाग वाला नेवी ब्ल्यू जैकेट होता है, इसे वास्तव में रीफर जैकेट के नाम से जाना जाता है, अब इस नाम का प्रयोग बहुत कम ही होता है। जब से पुरुषों ने वास्तविक बोट क्लब ब्लेज़र पहनना बंद कर दिया, तब से यह नाम सिर्फ दोहरे अग्रभाग वाले, धातु की बटन युक्त नाविकीय संस्करण के लिए ही प्रयोग किया जाने लगा; सेना का वास्तविक ब्लेज़र काले रंग का होता था।[1]
जैकेट को पहनना
रीफर ब्लेज़र अन्य कई प्रकार के वस्त्रों के साथ पहने जाते हैं, जिसमे एक कमीज़ और एक टाई से लेकर, खुले गले वाली पोलो कमीज़ तक शामिल होती है। इन्हें लगभग सभी रंगी की पैंटों पर पहने हुए देखा जा सकता है, आदर्श सफ़ेद सूती या लिनेन से लेकर ग्रे फलालैन, भूरे या मटमैले चिनोस व् जींस के साथ भी.
विशेषकर अमेरिका में, अब रीफर शैली के जैकेट बहुत प्रचलित हो गए हैं और व्यासायिक मुलाकातों के दौरान अनौपचारिक एवम औपचारिक पहनावे में इसका काफी प्रयोग होता है, अमेरिका के कुछ भागों में यह लगभग सभी अवसरों पर पहनने के लिए उचित माना जाता है।
राष्ट्रमंडल में, ब्लेज़र कई स्कूलों में स्कूल के यूनिफार्म के रूप में पहने जाते हैं और ब्रिटेन ओर ऑस्ट्रेलिया में यूनिफार्म पहनने वाले शिष्यों द्वारा अनेकों रंगों में रोजमर्रा की पोशाक के रूप में पहने जाते हैं। यह पारंपरिक रूप वाले ब्लेज़र हैं, जो इकहरे अग्रभाग वाले, प्रायः चटक रंगों में और किनारी युक्त होते है। यह शैली कुछ बोट क्लब के सदस्यों द्वारा भी पहनी जाती थी, जैसे कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड में, इनमे भी किनारीदार शैली वाला ब्लेज़र कुछ खास अवसरों पर ही पहना जाता था जैसे बोट क्लब के रात्रिभोज के अवसर पर. इस तरह के ब्लेज़र में, किनारी कॉलेज के रंग की होती है और कॉलेज के ही बटन लगाये जाते हैं। यह पारंपरिक शैली एडवर्डियन काल की कई फिल्मों में देखी जा सकती है, जैसे काइंड हार्ट्स एंड कोरोनेट्स .
जब ब्लेज़र किसी स्कूल, कॉलेज, स्पोर्ट्स क्लब, या सेवानिवृत्त सैनिक अधिकारियों की संस्था की पोशाक का एक हिस्सा होता है, तो इस अवस्था में आम तौर पर बिल्ला, अग्र पॉकेट के साथ ही सिल दिया जाता है। स्कूलों में, यह छात्र के स्तर के आधार पर बदल सकता है; अर्थात छात्र जूनियर स्कूल में है या सीनियर स्कूल में, इसके अतिरिक्त कई छात्र निरीक्षक नियुक्त किये जाते हैं या किसी शिक्षा अथवा खेलकूद में विशेष उपलब्धि के लिए उन्हें रंग भी प्रदान किये जाते हैं, जोकि इनके परिवर्तन का एक आधार हो सकता है। राष्ट्रमंडल में, अनेकों रेजिमेंट संस्थाएं (सेवानिवृत्त लोगों की संस्थाएं) 'रेजिमेंटल ब्लेज़र' पहनती हैं, जिसमे आगे की पॉकेट में उसी प्रकार का एक बिल्ला भी लगा होता है, जो प्रायः फीतेदार बिल्ले के रूप में होता है और कभी-कभी रेजिमेंट के ही ब्लेज़र बटन भी लगे होते हैं। ब्रिटिश सेना में, आमतौर पर अधिकारी ब्लेज़र (या बोटिंग जैकेट) पर बिल्ले नहीं पहनते हैं। ऐसा बहुत ही कम होता है कि दो रेजिमेंट के ब्लेज़र एक जैसे हों, क्यूंकि वह भिन्न असैनिक स्त्रोतों द्वारा बनाये जाते हैं और किसी अधिकारी द्वारा निर्गमित नहीं होते हैं। यह इस बात की भी ओर संकेत करता है कि संस्था के सदस्य अब असैनिक हैं, लेकिन बिल्ला जिस बंधन का प्रतिनिधित्व करता है वह अभी भी प्रभावी माना जाता है। इसका आदर्श रंग नेवी ब्ल्यू होता है, हालाँकि कुछ संस्थाओं में भिन्न रंग भी पहने जाते हैं, जैसे कि राइफल रेजिमेंट की संस्थाओं के लिए राइफल ग्रीन रंग.
ब्लेज़र, जो किसी समय में 'भद्र पुरुषों के खेल' को खेलने या उसमे उपस्थित रहने के लिए पहना जाता था, अब मात्र कुछ ही खेलों के लिए अनिवार्य रह गया है, जैसे कि इसका सामायिक प्रयोग टेनिस खिलाडियों द्वारा, या क्रिकेट में होता है, जबकि व्यवसायिक मैचों में, कप्तान के लिए अपने दल के चिन्ह वाला ब्लेज़र या ब्लेज़र की अग्र पॉकेट पर नैशनल कोट ऑफ़ आर्म्स पहनना पारंपरिक रूप से अनिवार्य माना जाता है, कम से कम मैच की शुरुआत के दौरान सिक्का उछाले जाते समय तो अवश्य ही.
दो खेल सम्बन्धी घटनाएँ जिनमे ब्लेज़र का पहनना जीत का सूचक माना जाता है, वह लाँग बीच याच का कौन्ग्रेश्नल कप रिगाटा और औगस्ट, जियोर्जिया में खेला जाने वाला मास्टर्स गोल्फ टूर्नामेंट है। कौन्ग्रेश्नल कप रिगाटा, सर्वाधिक उच्च अंतर्राष्ट्रीय क्षमता के नौकायान मैच की अनेकों पारियों के विजेता को सुर्ख लाल रंग का ब्लेज़र प्रदान करता है, जबकि मास्टर्स गोल्फ टूर्नामेंट, यूएसए के शीर्ष मास्टर्स गोल्फ खिलाडी को हरे रंग का ब्लेज़र पुरस्कार स्वरुप देता है।
इतिहास
पोशाक के सम्बन्ध में ब्लेज़र शब्द का आरम्भ लेडी मार्गरेट बोट क्लब (1825) के लाल 'ब्लेज़र' से शुरू हुआ, जोकि सेंट जॉन्स कॉलेज, कैम्ब्रिज का नौकायान क्लब था। लेडी मार्गरेट क्लब के जैकेट ब्लेज़र कहे जाने लगे क्यूंकि वह चटक लाल रंग के होते थे; यह शब्द वास्तविक लाल रंग के कोट का सूचक बन गया। शुरूआती समय के यह ब्लेज़र, बाद के स्पोर्ट्स जैकेट की तरह के ही थे, लेकिन जैकेट शब्द का प्रयोग कभी भी ब्लेज़र की ओर संकेत करने के लिए नहीं किया गया, इसके स्थान पर जैकेट का वर्णन, बाद में प्रयोग में आये, भूमि पर खेले जाने वाले खेलों के दौरान पहने जाने वाले अजीब जैकेट के माध्यम से किया जाने लगा. इस प्रकार के दावे कि यह नाम एचएमएस ब्लेज़र से लिया गया है, यह समकालीन स्त्रोतों द्वारा किये गए नहीं हैं, हालाँकि यह जानकारी दी गयी है कि रॉयल नेवी में यूनिफार्म के मानकीकरण से पूर्व, एचएमएस ब्लेज़र का दल "धारीदार नीली और सफ़ेद जैकेट"[2] पहनता था, यह स्पष्ट रूप से एचएमएस हार्लेक्विन के नाविकों के हार्लेक्विन सूट में उपस्थित होने के कारण किया जाता था।[3] . 1845 जैसे बाद के समय तक भी, एचएमएस ब्लेज़र का गिग दल, अपने कप्तान के नीली व् सफ़ेद धारीदार के जैकेट पहनने के आदेश को मानता था, यहीं से "ब्लेज़र" शब्द जिसका अर्थ धारीदार जैकेट माना जाता है, वह भाषा में सम्मिलित हो गया।[4]
रीफर जैकेट का आरम्भ समुद्री पहनावे से हुआ था और इसका वर्णन दोहरे अग्रभाग से युक्त, छोटे जैकेट के रूप में किया जाता था, इसे नाविक ख़राब मौसम के दौरान पहनते थे, जब वह जहाज का पाल समेटने जैसे काम करते थे। आमतौर पर ब्लेज़र के नाम से जाने वाले जैकेट, दरअसल इन्ही के वंशज हैं। वास्तव में यह काले सींगदार बटन वाले होते थे, यही जैकेट परिवर्तित होकर आधुनिक डार्क ब्लेज़र के रूप में आ गए, जोकि अब इकहरे और दोहरे अग्रभागों, दोनों ही प्रकार में उपलब्ध हैं और इनमे धातु के बटन भी होते हैं।
प्रारंभी 1960 के दौरान धारीदार ब्लेज़र आधुनिक ब्रिटिश लोगों के बीच काफी पसंद किया जाने लगा और 1970 के दौरान आधुनिकता के पुनः प्रचलन के समय इसका चलन फिर से शुरू हो गया - विशेषतः तीन रंग की मोटी/पतली धारियों के संयोजन में, जिसका अग्र भाग इकहरा और तीन बटन वाला होता था, इसमें 5-6 इंच का खुला भाग सामने या किनारों पर होता था और आस्तीन की पट्टी पर कई बटन होते थे। 1964 और 1965 की अनेकों तस्वीरों में लन्दन के आधुनिक लोग बोटिंग ब्लेज़र पहने दिखाई पड़ते हैं। 1964 में आधुनिकता के प्रतिरूपों द हू (सर्वाधिक संख्या के रूप में) की तस्वीरें पीट टाउनशेन्ड, कीथ मून और जौन एन्टविसल को बोटिंग ब्लेज़र पहने हुए दिखाती हैं। एक अन्य आधुनिक बैंड, स्माल फेसेज़ और आधुनिक लोगों द्वारा पसंद किये जाने वाले अन्य बैंड - जैसे द रोलिंग स्टोंस, द बीटल्स, द किंक्स, जॉर्जी फेम एंड द ब्ल्यू फ्लेम्स, द एनिमल्स, द यार्डबर्ड्स, द मूडी ब्ल्यूस और द ट्रौग्स - के बैंड सदस्य धारीदार ब्लेज़र/बोटिंग जैकेट या बाद में चौड़ी सफ़ेद या अन्य हल्की किनारी वाले ब्लेज़र पहनने लगे. इन बाद के ब्लेज़र पर लगे बटन प्रायः धातु के बने नहीं होते हैं और कभी-कभी यह उसी रंग के होते हैं जिस रंग की ब्लेज़र की किनारी होती है। ब्लेज़र की पूर्व प्रचलित शैली, फिल्म क्वाड्रोफीनिया में देखी जा सकती है। बाद में प्रचलित हुई चटक रंगों के ब्लेज़र की शैली, ऑस्टिन पावर्स द्वारा उनके स्विन्गिंग लन्दन लुक के लिए, स्नेहपूर्वक अपनाई गयी थी। []
सन्दर्भ
- ↑ ब्लेज़र्स![मृत कड़ियाँ] ऐ थ्रेड ऑन आस्क एनिबडी एबाउट क्लोथ्स Archived 2011-03-21 at the वेबैक मशीन फोरम
- ↑ "द हिस्ट्री ऑफ़ रेटिंग यूनिफार्म्स : यूनिफार्म्स एंड बैजेस ऑफ़ रैंक : आरएन लाइफ : ट्रेनिंग एंड पीपल : रॉयल नेवी". मूल से 18 अप्रैल 2006 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2011.
- ↑ Regan, Geoffrey. The Guinness Book of Naval Blunders. Guinness. पृ॰ 90. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-85112-713-2
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के मान की जाँच करें: checksum (मदद). - ↑ ' ऑल द वर्ल्ड्स फाइटिंग फ्लीट्स', पेमास्टर ल्युटिनेंट - कमांडर इ.सी. टेलबोट-बूथ आरएनार, सैम्प्सन लो, चौथा संस्करण 1940
बाहरी कड़ियाँ
- [1][मृत कड़ियाँ]- नैशनल वूलेन और फिनिशर्स, पानीपत
- स्कूल यूनिफार्म