ब्रूक्स-भगत रपट
ब्रूक्स-भगत रपट (Henderson Brooks-Bhagat report) 1962 के भारत-चीन युद्ध से सम्बन्धित गोपनीय रपट है[1] जिसे भारतीय सेना के दो अधिकारियों - लेफ्टिनेन्ट जनरल हेण्डर्सन ब्रुक्स और ब्रिगेडियर प्रेमिन्दर सिंह भगत, ने तैयार किया था। यह रपट दो भागों में थी जिसका प्रथम भाग २०१४ में आस्ट्रेलिया के साम्यवादी झुकाव वाले एक पत्रकार ने लीक कर दी।[2]
पृष्ठभूमि
लेफ्टिनेंट जनरल एंडरसन ब्रूक्स तथा ब्रिगेडियर पीएस भगत ने 1962 के युद्ध से संबंधित दस्तावेजों तथा परिस्थितियों की जांच की।[3] 1963 में जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री नेहरू तथा उनके कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को सौंप दी गई। रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई[1] क्योंकि इसमें नेहरू पर ऐसे सवाल उठाए गए थे कि जिसका जवाब देना उनके लिए मुश्किल हो जाता। बाद में सीआईए की एक रिपोर्ट में कहा गया कि नेहरू सब जानते-बूझते हुए भी चीन के साथ संबंध बनाए रखने के लिए तत्पर थे। चीन के साथ संबंध बने रहें, इसलिए उन्होंने सीमा विवाद और बढ़ते मतभेदों पर देश को भी अंधेरे में रखा। ये रिपोर्ट किसी तरह से आस्ट्रेलियाई पत्रकार नेविले मैक्सवेल को मिल गई थी, जिसके आधार पर उन्होंने 'इंडियाज चाइना वार' नामक किताब भी लिखी।
बाहरी कड़ियाँ
- पर्दे के पीछे के नायकों की नाकामी (पाञ्चजन्य)
- 1962 की लड़ाई और हैंडरसन ब्रूक्स-भगत की रिपोर्ट का जिन्न
सन्दर्भ
- ↑ अ आ "हैंडरसन ब्रुक्स रिपोर्ट पर रक्षा मंत्रालय का वक्तव्य". पत्र सूचना कार्यालय, भारत सरकार. 18 मार्च 2014. मूल से 7 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 मार्च 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2014.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 2 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अप्रैल 2014.