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बोह्र पत्राचार सिद्धांत

बोह्र पत्राचार सिद्धांत Bohr's correspondence principle मे यह बताया गया है कि क्वांटम मेकनिक्स के जो पूर्वानुमान होते हैं वो शास्त्रीय भौतिकी (Classical physics) से कुछ भौतिक परिस्थितियों के अंतर्गत मेल खाते हैं । नील्स बोह्र ने 1930 ई॰ मे क्वांटम के सिद्धांतों को विकसित किया ।जिसकी मदद से हाइड्रोजन एटम स्पेकट्रूम के कुछ मुख्य विशेषताओ के विषय मे समझा जा सका और आगे चल कर 1923 ई॰ मे बोह्र ने कुछ ऐसे सुझाव रखे जिसमे उन्होने यह बताया कि कुछ ऐसी सीमाएँ होती हैं जहाँ पर शास्त्रीय सिद्धांत और क्वांटम सिद्धांत एक होकर मिलते(merge) हैं । तो ये जो विचार रहा , इसी विचार को बोहर पत्राचार सिद्धांत (Bohr's correspondence principle) कहा गया है । और शास्त्रीय सीमा तक हम तब ही जा सकते हैं जब किसी भी कण (particle) की क्वांटम संख्या बहुत ही ज़्यादा हो , यह सिद्धांत और भी मददगार तब हो जाता है जब हम लोग क्वांटम यान्त्रिकी (क्वांटम mechanइक्कस ) के अंतर्गत बड़े-बड़े क्वांटम संखयाओ के विसाय मे चर्चा करते हैं तब हम यह देखते हैं की क्वांटम सिद्धांत से मिलने वाले परिणाम शास्त्रीय सिद्धांत के परिणाम से मेल खाते हैं ।


सन्दर्भ