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बेलाराही

बेलाराही, बिहार के एक गांव के तौर पर जाना जाता है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक ये शहरी क्षेत्र है जो मधुबनी जिले में अवस्थित है। झंझारपुर प्रखंड और अनुमंडल के तहत ये इलाका आता है। बेलाराही में कायस्थों की जनसंख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन इसके अलावा दूसरी जाति और समुदाय के लोग भी यहां निवास करते हैं। इस गांव की पहचान पढ़े-लिखे यानी विद्वानों के तौर पर है। अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय बिल्कुल पास में होते हुए भी बेलाराही गांव विकास के मामले में काफी पीछे रहा है। यहां के जनसेवक चाहे वो विधायक हों या फिर सांसद उन्होंने सदा इस गांव को विकास के मामले में नजरअंदाज ही किया है। 80 के दशक में यहां लोगों ने बिजली का दर्शन तो किया, लेकिन आज के वक्त में भी लोगों को मिट्टी के तेल पर आश्रित रहना पड़ता है, क्योंकि बिजली कनेक्शन तो है जरूर, लेकिन बिजली गाहे-बगाहे ही आती है। सड़क के नाम पर 90 के दशक में खरंजा का निर्माण कराया गया, बाद में कुछ रास्तों को ढलाई के जरिए पक्का किया गया, लेकिन हालात ठीक नहीं हैं। जगह-जगह टूटी-फूटी सड़कें मिलती हैं, चाहे वो खरंजा हो या फिर पक्की सड़कें। शिक्षा के नाम पर महज एक सरकारी स्कूल है जहां संभ्रांत परिवार के लोग अपने बच्चे को नहीं पढ़ाना ही बेहतर मानते हैं, वजह है शिक्षा और माहौल पर समुचित ध्यान नहीं देना। पहले यहां एक पब्लिक स्कूल भी हुआ करता था, लेकिन वो अब बीते जमाने की बात हो चुकी है। लिहाजा गांव में बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए झंझारपुर का रुख करना पड़ता है जहां कुछ मान्यता प्राप्त और कुछ गैर मान्यता प्राप्त पब्लिक स्कूल मौजूद हैं।


सन्दर्भ