बासा गाँव
बासा गाँव, हरीपुर (कांगड़ा)
बासा गाँव बनेर नदी के किनारे हरीपुर नामक एक कस्बे के साथ बसा है ! इसको सन 1400 में राजा हरिचन्द जिन्होनें हरीपुर नामक कस्बे की स्थापना की थी ने बसाया था, यहाँ राजा ने हर जाती के लोगों को बसाया था इसी से इस गाँव का नाम बासा पड़ा एवं हरीपुर जिसको की किसी समय छोटी काशी के नाम से जाना जाता था क्योंकि इस कस्बे में सबसे ज्यादा कुएं और मंदिर हुआ करते थे ! जिसमें से काफी हद तक टूट चुके हैं ! यहाँ राजा हरिचन्द द्वारा सन 1405 में बनवाया गया क़िला, भगवान कृष्ण का गोवर्धनधारी मंदिर, भगवान राम जी का मंदिर, माता दमन दोष जी का मंदिर एवं कई अन्य मंदिर आज भी उसी शान के साथ खड़े है ! इसी कस्बे में एक खेल का मैदान भी है जिसे चौगान कहते हैं किवंदन्तिओ के अनुसार कभी राजा के घोड़े इस मैदान में घास चरते थे ! गाँव बासा के साथ ही गुलेर नामक एक कस्बा है जिसमें कभी चन्द्र धर शर्मा गुलेरी जैसे महान कवि हुये हैं ! बासा गाँव के साथ ही एक छोटा सा रेलवे स्टेशन जिसे लुनसू के नाम से पुकारते हैं में खारे पानी का एक प्राकृतिक चश्मा है जिसका पानी पीने से (विशेष रूप से नौतपा में) कई प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है