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बांग्लादेश में हिन्दी

बांग्लादेश में हिन्दी भाषा के फिल्मों और गानों में प्रतिबंध है। इसके अलावा किसी भी भारतीय उपमहाद्वीप के फिल्मों और गानों पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। जून 2015 में म्यूजिक इंडिस्ट्री ऑनर्स एसोसिएशन के प्रमुख ए॰ के॰ एम॰ अरिफुर रहमान और उनके साथ इसके महासचिव एस॰ के॰ शाहेद अली ने न्यायालय में याचिका दायर कर हिन्दी फिल्मों के गानों को मोबाइल रिंगटोन बनाने पर भी प्रतिबन्ध की मांग की थी। जिसके बाद हिन्दी फिल्मों के रिंगटोन पर भी प्रतिबन्ध लग गया।[1]

प्रतिबन्ध

हिन्दी फिल्मों पर

वर्ष 2010 में सलमान खान की फिल्म वांटेड का बांग्लादेश में 60 सिनेमाघरों में प्रदर्शन शुरू हुआ तब से ही हिन्दी फिल्मों का विरोध भी शुरू हो गया। जिसका मुख्य कारण बांग्लादेशी फिल्म उद्योग है। हिन्दी फिल्मों का विरोध शाकीब खान ने शुरू किया था। उनका कहना था कि इन फिल्मों से बांग्लादेशी फिल्म उद्योग प्रभावित होता है।[2]

सन्दर्भ

  1. "बांग्लादेश : हिंदी फिल्मों की रिंगटोन पर बैैन". राजस्थान पत्रिका. 11 जुलाई 2015. मूल से 22 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जनवरी 2016.
  2. "#WhyBanBollywood: Bangladesh bans Bollywood movies, says report" (अंग्रेज़ी में). डीएनए इंडिया. 4 अगस्त 2015. मूल से 19 जनवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जनवरी 2016. Italic or bold markup not allowed in: |publisher= (मदद)