बरौनी (शारीरिक अंग)
| बरौनी | |
|---|---|
मानव बरौनियां | |
| विवरण | |
| लातिनी | Cilium |
| यूनानी | Bλέφαρον (blépharon) |
| अभिज्ञापक | |
| चिकित्सा विषय शीर्षक | D005140 |
| टी ए | A15.2.07.037 |
| एफ़ एम ए | 53669 |
| शरीररचना परिभाषिकी | |
बरौनी (बहुवचन बरौनियां), नेत्र पलक के छोर पर उगे बाल को कहते हैं। बरौनियां बाहरी पदार्थों जैसे कि धूल-मिट्टी को आंखों में जाने से रोक कर आंखों की रक्षा करती हैं साथ ही यह स्पर्श के प्रति बेहद संवेदनशील होती है और किसी भी बाहरी वस्तु जैसे कि कोई कीट या तिनका आदि के प्रति व्यक्ति को सचेत करती हैं ताकि वो अपनी आंखें तुरंत बन्द कर सके। अक्सर हिन्दी में अज्ञानसवरूप बरौनी के लिए पलक शब्द का प्रयोग होता है जो सही नहीं है।