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बधिरान्धता

1904 में बधिरान्ध अमेरिकीय लेखिका, कार्यकर्ता और व्याख्याता हेलेन केलर । केलर ने 19 महीने की वयस में तानिकाशोथ के कारण अपनी दृष्टि और श्रुति दोनों खो दी।

बधिरान्धता कम या कोई उपयोगी श्रवण और कम या कोई उपयोगी दृष्टि नहीं होने की स्थिति है। [1] [2] प्रत्येक व्यक्ति में दृष्टि दोष और श्रुति क्षति की विभिन्न मात्रा होती है। [3] इस अन्तर्निहित वैविध्य के कारण, स्वतंत्र रूप से जीवन की उनकी क्षमता में सुधार हेतु, प्रत्येक बधिरान्ध व्यक्ति की जीवनशैली, संचार, शिक्षा और कार्य से सम्बन्धित आवश्यकताओं को द्वैत-साधन अभाव की मात्रा के आधार पर सम्बोधन की आवश्यकता है।

बधिरान्ध समुदाय की अपनी संस्कृति है, जिसकी तुलना बधिर समुदाय से की जा सकती है। बधिरान्ध समुदाय के सदस्यों की पृष्ठभूमि विविध है, किन्तु वे समान अनुभवों और बधिरान्धता का क्या अर्थ है, इसकी साझा, सजातीय समझ से एकत्र हैं। [4] कुछ बधिरान्ध व्यक्ति अपनी स्थिति को अपनी व्यक्तित्व के एक भाग के रूप में देखते हैं। [5]

सन्दर्भ

  1. Keller, Helen (1938). Helen Keller's Journal, 1936-1937. Garden City, NY: Doubleday, Doran & Co.
  2. Kudlick, Catherine; Nielsen, Kim E. (2005). "Review of the Radical Lives of Helen Keller". Journal of American History. 4. 91 (4): 1533. JSTOR 3660309. डीओआइ:10.2307/3660309.
  3. Dammeyer, Jesper (November 2014). "Deafblindness: a review of the literature". Scandinavian Journal of Public Health. 42 (7): 554–562. PMID 25114064. S2CID 23967371. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1651-1905. डीओआइ:10.1177/1403494814544399.
  4. Deaf-Blindness, NCDB: National Center on. "Culture and Community". nationaldb.org (अंग्रेज़ी में). मूल से 2018-03-28 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-03-27.
  5. "Identity – DeafBlind Connection – Minnesota State Academies". www.msa.state.mn.us (अंग्रेज़ी में). मूल से 2018-03-28 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-03-27.