फ़िर वही रात (1980 फ़िल्म)
फ़िर वही रात | |
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निर्देशक | डैनी डेंज़ोंग्पा |
निर्माता | एन.एन.सिप्पी |
अभिनेता | राजेश खन्ना, किम, अरुणा ईरानी, ललिता पवार, जगदीप, डैनी डेंज़ोंग्पा, ए के हंगल, सुरेश ओबेरॉय, शशिकला, मुकरी, शुभा खोटे |
संगीतकार | राहुल देव बर्मन मजरुह सुल्तानपुरी (गीत) |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई | 146 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कुल कारोबार | ₹ 1.2 करोड़ (1980) |
फ़िर वही रात 1980 में एन.एन.सिप्पी निर्मित डैनी डेंज़ोंग्पा निर्देशित हिन्दी भाषा की फ़िल्म है| डैनी द्वारा निर्देशित यह एक मात्र फ़िल्म है| इस भयभीत व सनसनी फ़िल्म के प्रमुख कलाकार किम व राजेश खन्ना, एक मनोवैज्ञानिक पात्र, तथा अरुणा ईरानी, ललिता पवार, जगदीप, डैनी डेंज़ोंग्पा, ए के हंगल, सुरेश ओबेरॉय, शशिकला, मुकरी व शुभा खोटे सहायक कलाकार है|
संक्षेप
चरित्र
मुख्य कलाकार
- राजेश खन्ना — डॉ॰ विजय, मनोवैज्ञानिक
- किम — आशा
- अरुणा ईरानी — शोभा
- जगदीप — कृपाचन्द रेश्वानी
- डैनी डेंज़ोंग्पा — अशोक
- ए के हंगल — विश्वनाथ
- ललिता पवार — छात्रावास संरक्षक
- शशिकला — आंटी
- सुरेश ओबेरॉय — पुलिस इंस्पेक्टर
- भगवान — गेंडामल
- ललिता कुमारी — कृद्ध रोगी
- ओम शिवपुरी
- तमन्ना
- मनमौजी
- मुकरी
- मोहन चोटी
- राजदीप
- शुभा खोटे
- सुंदर
दल
- निर्देशन — डैनी डेंज़ोंग्पा
- निर्माण — एन.एन. सिप्पी
- संगीत निर्देशन — राहुल देव बर्मन
- गीत — मजरुह सुल्तानपुरी
- पार्श्वगायन — आशा भोसले, किशोर कुमार, लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी, सुषमा श्रेष्ठा
संगीत
सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी ने लिखे तथा संगीत राहुल देव बर्मन ने दिया है|
गीत | गायक |
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"आगए यारों जीने के दिन" | मोहम्मद रफ़ी, समूह[1] |
"छलकाओ झूमके पैमाना " | किशोर कुमार, समूह |
"देखो इधर देखो" | किशोर कुमार, आशा भोंसले, सुषमा श्रेष्ठा |
"फिर वही रात" | आशा भोंसले |
"बिंदिया तरसे कजरा बरसे" | लता मंगेशकर |
"संग मेरे निकले थे साजन" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर, समूह |
रोचक तथ्य
परिणाम
बौक्स ऑफिस
समीक्षाएँ
नामांकन और पुरस्कार
सन्दर्भ
- ↑ "राहुल देव बर्मन (१९३९–१९९४)". पंचमऑनलाइन.कॉम. मूल से 4 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अगस्त 2011.