सामग्री पर जाएँ

प्राईस समीकरण

प्राईस समीकरण ‍जॉर्ज.आर.प्राईस‍‍‍ द्वारा प्रदर्शित‌‌ एक समीकरण है, जो उत्क्रांति और प्राकृतिक वरण से संबंधित है।

विवरण

जब एक पीढ़ी से दूसरे का संक्रमण होता हे, तब इन पीढियों के बीच में पित्रैकों का स्थानांतरण होता है। प्रत्येक पित्रैक से संबंधित एक लक्षण होता है, जो उस जाति के उत्तरजीविता के लिए महत्वपूर्ण होता है। विशेष रूप से यह लक्षण हर पीढ़ी में एक मज़बूती या स्थिरता स्थापित करती है, जिससे आने वाले संतती की संख्या कि आकलन की जा सकती है। प्राईस समीकरण इसी ओर में बढ़ने वाली एक प्रयास है, जो उत्क्रांति के साथ इस लक्षण की मूल्यांकन करने की कोशिश करती है।

प्राईस समीकरण गणितीय भाषा में

मान लेते हैं कि हमारे पास एक पीढ़ी है जिसकी जनसंख्या चर से अंकित की जाएगी। प्रत्येक व्यक्तियों से संबंधित एक लक्षण होगा, जो चर से अंकित की जाएगी। इस जनसंख्या को पृथक भागों में बाँटा जाएगा, ताकि हर भाग में उपस्थित व्यक्तियों की चर बराबर होगी। हम एक भाग को से अंकित करेंगे, तथा हर से जुड़े चर को हम से अंकित करेंगे। हर से संबंधित मज़बूती को हम से अंकित करेंगे। जब एक भाग में लोग आपस में वंश उत्पन्न करते हैं, तो अगली पीढ़ी का जन्म होता है। इस पीढ़ी से भी संबंधित जनसंख्या हम कहलाएँगे। इस पीढ़ा के प्रत्येक भागों की संख्या कहलाएँगे, तथा इनसे संबंधित औसत लक्षण और मज़बूती कहलाएँगे। की औसत को हम कहलाएँगे। अब कुछ परिभाषाएँ:

पहले मज़बूती की परिभाषा:

प्रतिभागी लक्षण बदलाव की परिभाषा:

पीढ़ी लक्षण बदलाव की परिभाषा:

प्राईस समीकरण यह स्थापित करता है कि:

जहाँ अपेक्षा संक्रियक है और सहप्रसरण संक्रियक है।

प्राईस समीकरण का प्रभाव

प्राईस समीकरण परोपकारिता के विषय पर एक अनोखी प्रकाश डालती है। प्राईस समीकरण के मुताबिक दो व्यक्ति एक दूसरे को तभी परोपकारिता जताते हैं जब दोनों की आनुवंशिक संरचना में उचित मात्रा का मेल-मिलाप होता है। इसका मतलब है कि हर व्यक्ति किसी अंजान से पहले अपने भाइ के प्रती परोपकारी व्यवहार जताता है, ताकी उसकी आनुवंशिक विरासत की विस्तार अपने रिश्तेदारों के माध्यम से जारी रहे। प्राईस समीकरण यह स्थापित करता है कि परोपकारी व्यवहार‍ सिर्फ एक बहुभक्षक आंतरिक क्रियाविधि होता है, जो आनुवंशिक फैलाव का सहयोग करता है। इस विषय में कइ वैज्ञानिकों ने प्राईस समीकरण को आलोचित किया है।

उद्धरण‍(अंग्रेज़ी में)

  • फ्राँक, स.अ. (१९९५). "विकासवादी आनुवंशिकी के प्रती जौर्ज प्राईस‍‍‍ का योगदान" (PDF). सैद्धांतिक जीव विज्ञान की पत्रिका. १७५ (३): ३७३-३८८. PMID ७४७५०८१ |pmid= के मान की जाँच करें (मदद). डीओआइ:10.1006/jtbi.1995.0148. मूल से 31 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 30 नवंबर 2014.
  • प्राईस, ग.र. (१९७२). "सहप्रसरणीक चयन गणित विस्तार में". मानविकी आनुवंशिकी की वर्षक्रमिक इतिहास. ३५ (४): ४८५-४९०. PMID ५०७३६९४ |pmid= के मान की जाँच करें (मदद). डीओआइ:10.1111/j.1469-1809.1957.tb01874.x.
  • प्राईस, ग.र. (१९७२). "फिशर का मौलिक प्रमेय "स्पष्ट"". मानविकी आनुवंशिकी की वर्षक्रमिक इतिहास. ३६ (२): १२९-१४०. PMID ४६५६५६९ |pmid= के मान की जाँच करें (मदद). डीओआइ:10.1111/j.1469-1809.1972.tb00764.x.
  • वाँन वीलेन, मैत्थिस (२००५). "प्राईस समीकरण का उपयोग". सैद्धांतिक जीव विज्ञान की पत्रिका. २३७ (४): ४१२-४२६. PMID १५९५३६१८ |pmid= के मान की जाँच करें (मदद). डीओआइ:10.1016/j.jtbi.2005.04.026.
  • डे, ट. (२००६). "उत्क्रांतिकी महामारी विज्ञान में प्राईस समीकरण का प्रभाव". ड.इ.म.अ.क.स शृंखला असतत गणित तथा सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान में. ७१: २३-४३.