सामग्री पर जाएँ

प्रमेह

गोनोरिया
वर्गीकरण व बाहरी संसाधन
आईसीडी-१०A54
आईसीडी-098
एमईएसएचD006069

प्रमेह या गोनोरिया एक यौन संचारित बीमारी (एसटीडी) है। गोनोरिया नीसेरिया गानोरिआ नामक जीवाणु के कारण होता है जो महिलाओं तथा पुरुषों के प्रजनन मार्ग के गर्म तथा गीले क्षेत्र में आसानी और बड़ी तेजी से बढ़ती है। इसके जीवाणु मुंह, गला, आंख तथा गुदा में भी बढ़ते हैं। गोनोरिया शिश्न, योनि, मुंह या गुदा के संपर्क से फैल सकता है। गोनोरिया प्रसव के दौरान मां से बच्चे को भी लग सकती है।

लक्षण

किसी भी यौन सक्रिय व्यक्ति में गोनोरिया की बीमारी हो सकती है। जबकि कई पुरुषों में गोनोरिया के कोई लक्षण दिखाई नहीं पड़ते तथा कुछ पुरुषों में संक्रमण के बाद दो से पांच दिनों के भीतर कुछ संकेत या लक्षण दिखाई पड़ते हैं। कभी कभी लक्षण दिखाई देने में 30 दिन भी लग जाते हैं। इनके लक्षण हैं- पेशाब करते समय जलन, लिंग से सफेद, पीला या हरा स्राव। कभी-कभी गोनोरिया वाले व्यक्ति को अंडग्रंथि में दर्द होता है या वह सूज जाता है। महिलाओं में गोनोरिया के लक्षण काफी कम होते हैं। आरंभ में महिला को पेशाब करते समय दर्द या जलन होती है, योनि से अधिक मात्रा में स्राव निकलता है या मासिक धर्म के बीच योनि से खून निकलता है।

गर्भवती महिला और बच्चे पर प्रभाव

यदि गर्भवती महिला को गोनोरिया है तो बच्चे को भी गोनोरिया (गानोरिया) हो सकता है क्योंकि बच्चा प्रसव के दौरान जन्म नलिका (बर्थ कैनाल) से गुजरता है। इससे बच्चा अंधा हो सकता है, उसके जोड़ों में संक्रमण हो सकता है या बच्चे को रक्त का ऐसा संक्रमण हो सकता हो जिससे उसके जीवन को खतरा हो सकता है। गर्भवती महिला को जैसे ही पता चले कि उसे गोनोरिया (गानोरिया) है तो उसका उपचार कराया जाना चाहिए जिससे इस प्रकार की जटिलताओं को कम किया जा सके। गर्भवती महिला को चाहिए कि वे स्वास्थ्य कार्यकर्ता से परामर्श करके सही परीक्षण, जांच और आवश्यक उपचार करवाए।

रोकथाम

इस बीमारी से बचाव का सबसे सुरक्षित तरीका अजनबियों या रोग से पीड़ित व्यक्ति से शारीरिक संबंध नहीं बनाना है। कोई भी व्यक्ति एक वफादार साथी का साथ पाकर और स्वयं अपने साथी के प्रति वफादार रह कर इस बीमारी से बच सकता है।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ