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परमवीर चक्र

परमवीर चक्र



परमवीर चक्र और इसका रिबन (फीता) - भारत का सर्वोच्च सैनिक सम्मान
 भारत द्वारा पुरस्कृत
देश भारत
प्रकार शौर्य पदक
पात्रता सेना, नौसेना, वायुसेना अथवा रिज़र्व बल, टेरिटोरियल सेना, अथवा विधि दवारा सथापित किसी भी सशस्त्र बल के पुरुष अथवा महिला सैनिक व अधिकारी[1]
देने का कारण "दुश्मन की उपस्थिति में सबसे विशिष्ट बहादुरी या वीरता या आत्म-बलिदान के साहसी या पूर्व-प्रख्यात कार्य, चाहे जमीन पर, समुद्र में, या हवा में।"[1]
स्थति वर्तमान में प्रदत्त
पश्च-नामिक PVC
आंकड़े
स्थापना २६ जनवरी १९५०
प्रथम प्रदत्त २ नवंबर १९४७
अंतिम प्रदत्त ६ जुलाई १९९९
कुल प्राप्तकर्ता २१
मरणोपरांत
पुरस्कार
१४
सुभिन्न
प्राप्तकर्ता
२१
अग्रता-क्रम
अगला (निम्नतर)अशोक चक्र[2]

परमवीर चक्र के तीन जीवित विजेता: योगेंद्र सिंह यादव, बाना सिंह और राइफलमैन संजय कुमार (वर्तमान सूबेदार)

परमवीर चक्र (पीवीसी) भारत का सर्वोच्च शौर्य सैन्य अलंकरण है जो दुश्मनों की उपस्थिति में उच्च कोटि की शूरवीरता एवं त्याग के लिए प्रदान किया जाता है। ज्यादातर स्थितियों में यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है। इस पुरस्कार की स्थापना २६ जनवरी १९५० को की गयी थी जब भारत गणराज्य घोषित हुआ था। भारतीय सेना के किसी भी अंग के अधिकारी या कर्मचारी इस पुरस्कार के पात्र होते हैं एवं इसे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समझा जाता है। इससे पहले जब भारतीय सेना ब्रिटिश सेना के तहत कार्य करती थी तो सेना का सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रास हुआ करता था।

लेफ्टिनेंट या उससे कमतर पदों के सैन्य कर्मचारी को यह पुरस्कार मिलने पर उन्हें (या उनके आश्रितों को) नकद राशि या पेंशन देने का भी प्रावधान है। हालांकि पेंशन की न्यून राशि जो सैन्य विधवाओं को उनके पुनर्विवाह या मरने से पहले तक दी जाती है अभी तक विवादास्पद रही है। मार्च १९९९ में यह राशि बढ़ाकर १,५०० रुपये प्रतिमाह कर दी गयी थी। जबकि कई प्रांतीय सरकारों ने परमवीर चक्र से सम्मानित सैन्य अधिकारी के आश्रितों को इससे कहीं अधिक राशि की पेंशन मुहैय्या करवाती है।

परमवीर चक्र हासिल करने वाले शूरवीरों में सूबेदार मेजर बन्ना सिंह (बाना सिंह) ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो कारगिल युद्ध तक जीवित थे। सूबेदार मेजर बाना सिंह जम्मू कश्मीर लाइट इनफेन्ट्री की आठवीं रेजीमेंट में कार्यरत थे।

डिजाइन विनिर्देश

भारत के 1976 के टिकट पर परमवीर चक्र पदक

पदक एक गोलाकार कांस्य डिस्क है जिसका व्यास 35 मिलीमीटर (1 38 इंच) है। परवर्ती, या सामने, भारत का राष्ट्रीय प्रतीक केंद्र में एक उभरे हुए घेरे पर दिखाई देता है, जो [वज्र]], इंद्र, प्राचीन वैदिक देवताओं के राजा के हथियार की चार प्रतियों से घिरा हुआ है।

पीछे, एक सादे केंद्र के चारों ओर, कमल के फूलों द्वारा अलग की गई दो किंवदंतियाँ हैं। "परमवीर चक्र" शब्द हिंदी और अंग्रेजी में लिखे गए हैं। [3] एक बैंगनी रिबन, 32 मिलीमीटर (1 14 इंच) लंबा, परमवीर चक्र धारण करता है।

परमवीर चक्र हासिल करनेवाले वीरों की सूची

अनुक्रमसंख्यानामरेजीमेंटतिथिस्थानटिप्पणी
1IC-521मेजर सोमनाथ शर्माचौथी बटालियन, कुमाऊँ रेजीमेंट3 नवंबर, 1947बड़गाम, कश्मीरमरणोपरांत
2IC-22356लांस नायक करम सिंहपहली बटालियन, सिख रेजीमेंट13 अक्तूबर, 1948टिथवाल, कश्मीर
3SS-14246सेकेंड लेफ़्टीनेंट राम राघोबा राणेइंडियन कार्प्स आफ इंजिनयर्स8 अप्रैल, 1948नौशेरा, कश्मीर
427373नायक यदुनाथ सिंहपहली बटालियन, गार्ड रेजीमेंट6 फरवरी 1948नौशेरा, कश्मीरमरणोपरांत
52831592कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंहछठी बटालियन, राजपूताना राइफल्स17 जुलाई, 1948टिथवाल, कश्मीरमरणोपरांत
6IC-8497कैप्टन गुरबचन सिंह सलारियातीसरी बटालियन, 1 गोरखा राइफल्स5 दिसंबर, 1961एलिजाबेथ विले, कातांगा, कांगोमरणोपरांत
7IC-7990मेजर धनसिंह थापापहली बटालियन, 8 गोरखा राइफल्स20 अक्तूबर, 1962लद्दाख
8JC-4547सूबेदार जोगिंदर सिंहपहली बटालियन, सिख रेजीमेंट23 अक्तूबर, 1962तोंगपेन ला, नार्थ इस्ट फ्रंटियर एजेंसी, भारतमरणोपरांत
9IC-7990मेजर शैतान सिंहतेरहवीं बटालियन, कुमाऊँ रेजीमेंट18 नवंबर, 1962रेज़ांग लामरणोपरांत
102639885कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीदचौथी बटालियन, बाम्बे ग्रेनेडियर्स10 सितंबर, 1965चीमा, खेमकरण सेक्टरमरणोपरांत
11IC-5565लेफ्टीनेंट कर्नल आर्देशिर तारापोरद पूना हार्स15 अक्तूबर, 1965फिलौरा, सियालकोट सेक्टर, पाकिस्तानमरणोपरांत
124239746लांस नायक अलबर्ट एक्काचौदहवीं बटालियन, गार्ड ब्रिगेड3 दिसंबर, 1971गंगासागरमरणोपरांत
1310877 F(P) फ्लाईंग आफिसर निर्मलजीत सिंह सेखोंअठारहवीं स्क्वैड्रन, भारतीय वायुसेना14 दिसंबर, 1971श्रीनगर, कश्मीरमरणोपरांत
14IC-25067लेफ्टीनेंट अरुण क्षेत्रपालपूना हार्स16 दिसंबर, 1971जरपाल, शकरगढ़ सेक्टरमरणोपरांत
15IC-14608मेजर होशियार सिंहतीसरी बटालियन, बाम्बे ग्रेनेडियर्स17 दिसंबर, 1971बसंतार नदी, शकरगढ़ सेक्टर
16JC-155825नायब सूबेदार बन्ना सिंहआठवीं बटालियन, जम्मू कश्मीर लाइट इनफेन्ट्री23 जून, 1987सियाचिन ग्लेशियर, जम्मू कश्मीरजीवित
17IC-32907मेजर रामास्वामी परमेश्वरनआठवीं बटालियन, महार रेजीमेंट25 नवंबर, 1987श्रीलंकामरणोपरांत
18IC-56959लेफ्टीनेंट मनोज कुमार पांडेप्रथम बटालियन, 11 गोरखा राइफल्स3 जुलाई, 1999ज़ुबेर टाप, बटालिक सेक्टर, कारगिल क्षेत्र, जम्मू कश्मीरमरणोपरांत
192690572ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादवअठारहवीं बटालियन, द ग्रेनेडियर्स4 जुलाई, 1999टाइगर हिल्स, कारगिल क्षेत्रजीवित
2013760533राइफलमैन संजय कुमारतेरहवीं बटालियन, जम्मू कश्मीर राइफल्स5 जुलाई, 1999फ्लैट टाप क्षेत्र, कारगिलजीवित
21IC-57556कैप्टन विक्रम बत्रातेरहवीं बटालियन, जम्मू कश्मीर राइफल्स6 जुलाई, 1999बिंदु 5140, बिंदु 4875, कारगिल क्षेत्रमरणोपरांत

सन्दर्भ

  1. "Param Vir Chakra". Gallantry Awards. Indian Army. मूल से ३ मार्च २०१६ को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 August 2014.
  2. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Precedence Of Medals नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  3. सुमित वालिया (23 जनवरी 2009). "The First Param Vir Chakra". सिफी खबर. मूल से 13 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अगस्त 2014.