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पंजाकॅन्त

पंजाकॅन्त का बाज़ार
पंजाकॅन्त ज़िला ताजिकिस्तान के पश्चिमोत्तर में स्थित है
पंजाकॅन्त का बाहर मिलने वाले प्राचीन खँडहर

पंजाकॅन्त (ताजिकी: Панҷакент, फ़ारसी: پنجکنت‎, रूसी: Пенджикент, अंग्रेज़ी: Panjakent) उत्तर-पश्चिमी ताजिकिस्तान के सुग़्द प्रांत में ज़रफ़शान नदी के किनारे बसा हुआ एक शहर है। सन् २००० की जनगणना में यहाँ की आबादी ३३,००० थी। यह प्राचीनकाल में सोग़दा का एक प्रसिद्ध शहर हुआ करता था और उस पुरानी नगरी के खँडहर आधुनिक पंजाकॅन्त शहर के बाहरी इलाक़ों में देखे जा सकते हैं।

उच्चारण

"पंजाकॅन्त" शब्द में 'क' पर लगी 'ऍ' की मात्रा के उच्चारण पर ध्यान दें। यह 'ए' और 'ऐ' दोनों के स्वरों से ज़रा भिन्न है।[]

इतिहास

प्राचीन पंजाकॅन्त ५वीं सदी ईस्वी में शुरू हुआ और सोग़दाईयों के "पंच" नामक राज्य की राजधानी हुआ करता था और इसका नाम "पंचेकंथ" था। यहाँ के लोग अधिकतर ज़र्थुष्ती (पारसी) धर्म के अनुयायी थे लेकिन माना जाता है कि सोग़दा पर भारतीय संस्कृति की गहरी छाप भी थी, जिस से कुछ वैदिक रीति-रिवाज भी माने जाते थे। यहाँ व्यापार और कृषि दोनों पनपे, क्योंकि यह रेशम मार्ग पर पड़ता था (जहाँ से माल चीन और यूरोपमध्य पूर्व के दरमियान आता-जाता था)।[]

सन् ७२२ ई॰ में अरबी फ़ौजों ने धावा बोलकर पंजाकॅन्त पर क़ब्ज़ा जमा लिया। शहर का आख़री शासक ज़रफ़शान नदी ने ऊपर वाले हिस्सों की तरफ़ भाग गया लेकिन पकड़कर मार दिया गया। आने वाले ५० सालों तक आक्रामकों ने नगर पर शासन किया जिस दौरान शहर का ऊपरी हिस्सा लोगों से ख़ाली कर दिया गया और वीरान हो गया। नगर के इस भाग में पाए गए खंडहरों से पता चलता है कि यहाँ के लोगों का रहन-सहन, रीति-रिवाज और कला संस्कृति क्या थी।[1]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Marian Armstrong (editor). "Peoples of Western Asia". Marshall Cavendish, 2007. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780761476771.सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ: authors list (link)