पंकज चतुर्वेदी
पंकज चतुर्वेदी
पंकज चतुर्वेदी हिंदी के प्रख्यात कवि और आलोचक हैं । इनका जन्म 24 अगस्त, 1971 को उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा शहर में हुआ। यों पैतृक गाँव तिश्ती, उत्तर प्रदेश के कानपुर-देहात जनपद में है।
शिक्षा: इटावा और कानपुर के गाँवों-क़स्बों में आरम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद सातवीं कक्षा से उ.प्र. सैनिक स्कूल, लखनऊ के छात्र हुए। वहाँ से 1989 में आई.एस.सी. और लखनऊ विश्वविद्यालय से 1992 में बी.ए.। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली से 1994 में एम.ए. (हिंदी) में प्रथम स्थान हासिल किया और 1998 में एम.फ़िल. में भी। वहीं से 2007 में पी-एच.डी.। कविता, संस्कृति और शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अन्यान्य समीक्षात्मक निबन्ध, अंग्रेज़ी से हिंदी में सृजनात्मक एवं आलोचनात्मक लेखन के कुछ अनुवाद और अनेक साक्षात्कार प्रकाशित।
प्रकाशित कृतियाँ :
- एक संपूर्णता के लिए (1998), एक ही चेहरा (2006), रक्तचाप और अन्य कविताएँ (2015), और सद्यःप्रकाशित कविता संग्रह आकाश में अर्द्धचन्द्र (2022) (कविता-संग्रह) ;
- आत्मकथा की संस्कृति (2003), निराशा में भी सामर्थ्य (2013), रघुवीर सहाय (2014, साहित्य अकादेमी, नयी दिल्ली के लिए विनिबन्ध), जीने का उदात्त आशय (2015) (आलोचना) ;
- यही तुम थे (2016, कवि वीरेन डंगवाल पर एकाग्र आलोचनात्मक संस्मरण) ;
- प्रतिनिधि कविताएँ : मंगलेश डबराल (2017, सम्पादन)।
- प्रतिनिधि कविताएँ : वीरेन डंगवाल (2022, सम्पादन)।
- इसके अतिरिक्त भर्तृहरि के इक्यावन श्लोकों की हिंदी अनुरचनाएँ प्रकाशित।
पुरस्कार / सम्मान : कविता के लिए वर्ष 1994 के भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार और आलोचना के लिए 2003 के देवीशंकर अवस्थी सम्मान एवं उ.प्र. हिंदी संस्थान के रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार से सम्मानित। 2019 में इन्हें रज़ा फ़ेलोशिप प्रदान की गयी है।
आजीविका : वर्ष 1996 से 2013 तक वी.एस.एस.डी. कॉलेज, कानपुर और 2013 से 2018 तक डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय), सागर (म.प्र.) में अध्यापन।
सम्प्रति : प्रोफ़ेसर एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, विक्रमाजीत सिंह सनातन धर्म कॉलेज, कानपुर (उ.प्र.)—208002
बाहरी कड़ियाँ
हिन्दवी वेबसाइट पर पंकज चतुर्वेदी की कविताएँ: https://www.hindwi.org/poets/pankaj-chaturvedi
कविता कोश पर पंकज चतुर्वेदी की कविताएँ: http://kavitakosh.org/kk/%E0%A4%AA%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%9C_%E0%A4%9A%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A5%80