पंक तट
पंक तट (mud flat) सागरों, झीलों और नदियों के किनारों पर स्थित ऐसी तटीय आर्द्रभूमियाँ होती हैं जहाँ ज्वारभाटा या नदियों द्वारा डाले गए अवसाद पर बार-बार पानी पड़ने से पंक का मैदान-सा होता है। सागर के किनारे स्थित पंकतट ज्वारभाटा के कारण दिन में दो बार जल के नीचे डूबते-उभरते हैं। ऐसे स्थानों पर भूमीय व जलीय वातावरणों का प्रभाव दिखता है। कई प्राणी व वनस्पति ऐसे स्थानों में रहने या आहार प्राप्त करने के लिए अनुकूलित होते हैं।[1][2]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ Murray, N.J.; Phinn, S.R.; DeWitt, M.; Ferrari, R.; Johnston, R.; Lyons, M.B.; Clinton, N.; Thau, D.; Fuller, R.A. (2019), "The global distribution and trajectory of tidal flats", Nature, 565 (7738): 222–225, Bibcode:2019Natur.565..222M, doi:10.1038/s41586-018-0805-8, PMID 30568300
- ↑ Reineck, H.E, and I.B Singh, Depositional Sedimentary Environments, 2nd Ed. New York: Springer-Verlag Berlin Heidelberg, 1980, pp. 418-428