प परमेश्वरन्
प. परमेश्वरन् | |
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जन्म | 1927 Thamarasseril Illam, Cherthala, केरल |
मौत | 09 फरवरी 2020 |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
नागरिकता | भरतीय |
शिक्षा | B.A. इतिहास, University College Trivandrum Predegree, St. Berchmans College Changanacherry |
प्रसिद्धि का कारण | Hindutva thinker Rashtriya Swayamsevak Sangh Pracharak director of Bharatiya Vichara Kendra president of Vivekananda Kendra |
पुरस्कार | पद्मविभूषण 2018 पद्मश्री 2004 अमृत कृति पुरस्कार 2002 |
वेबसाइट http://www.vicharakendram.org/index.htm |
प. परमेश्वरन् (१९२७ - ०९ फरवरी २०२०२), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक एवं जन संघ के पूर्व उपाध्यक्ष थे। [1] संघ परिवार के लोग उन्हें 'परमेश्वर जी' के नाम से बुलाते थे। वे एक दिग्गज लेखक, कवि, शोधकर्ता और प्रसिद्ध संघ विचारक थे। उन्हें २० मार्च २०१८ में साहित्य में योगदान के लिए पद्म विभूषण प्रदान किया गया था। अभी वे विवेकानन्द केन्द्र के अध्यक्ष थे जिसे सन २०१५ में गांधी शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
परमेश्वरन 1967 से 1971 के बीच भारतीय जनसंघ के सचिव थे। वर्ष 1971 से 1977 तक के बीच वे उपाध्यक्ष रहे। वे 1977 से 1982 के बीच दीनदयाल शोध संस्थान के निदेशक भी रहे।
परमेश्वरन का जन्म 1927 में अलपुझा जिले के मुहाम्मा में हुआ था। वे अपने छात्र जीवन में ही संघ से जुड़ गए थे। आपातकाल के दिनों में अखिल भारतीय सत्याग्रह के लिए उन्हें 16 महीने के लिए जेल भी हुई थी। उन्होंने केरलवासियों में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए 1982 में ‘भारतीय विचार केन्द्रम्’ की स्थापना की थी।
कृतियाँ
परमेश्वरन् ने भारतीय दर्शन एवं भारतीय समाज के बारे में अनेक पुस्तकें लिखीं हैं। वे 'केसरी' तथा 'मन्थन' नामक पत्रिकाओं के सम्पादक थे। सम्प्रति वे 'युवा भारती' तथा 'विवेकानन्द केन्द्र पत्रिका' नामक पत्रिका के सम्पादक थे। वे 'प्रगति' नामक त्रैमासिक अनुसन्धान जर्नल के मुख्य सम्पादक थे।
- श्रीनारायण गुरु नवोत्थान के प्रवाचक
- मार्क्स और विवेकानन्द
- श्री अरविन्दन् भावियुटॆ दार्शनिकन्
- मार्क्सिल् निन्नुं महर्षियिलेक्क (मार्क्स से महर्षि तक)
- माऱुन्न समूहवुं माऱात्त मूल्यङ्ङळुं
- दिशाबोधत्तिन्ऱॆ दर्शनं (कुछ चुने हुए लेख, मलयालम में )
- केरळं भ्रान्तालयत्तिल् निन्न् तीर्थालयत्तिलेय्क्क्
- भगवद्गीत नवलोकक्रमत्तिन्ऱॆ दर्शनं (भगवत्गीता : नवलोकक्रम का दर्शन / Bhagavad Gita – Vision of a New World Order)
- स्वतन्त्रभारतं गतियुं नियतियुं
- हिन्दुराष्ट्रत्तिन्ऱॆ हृदयस्पन्दनङ्ङळ् (Heart Beats of Hindu Nation (3 volumes))
- विश्वविजयी विवेकानन्द
- भारतं-प्रश्नङ्ङळुं प्रतिविधियुं
- Beyond All Isms to Humanism.
- Heart Beats of a Hindu Nation (Compilation of selected editorials in Yuva Bharathy).
- Yajna Prasadam (Selected Poems).
- Bhagavad-Gita The Nectar of Immortality (Collection of Essays on Gita).
- Gita's Vision Of An Ideal Society
- Udharedathmanathmanam
- Makarajyotis (A brief study of Swami Vivekananda in Malayalam)
- Darshanasamvadam
- Hindudarmavum Indian communisavum
- Vivekanandanum Prabhudha Keralavum (Edited)
- Hindutva Ideology – Unique and Universal
सम्मान एवं पुरस्कार
- 2000 - जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सिनेट के सदस्य चुने गए।
- 2002 - अमृत कीर्त्ति पुरस्कार
- 2004 - पद्मश्री
- 2013 - आर्षसंस्कार परमश्रेष्ठ पुरस्कार
- 2018 - पद्मविभूषण
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". http://www.thenewsminute.com. मूल से 11 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 November 2019.
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में बाहरी कड़ी (मदद)