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निधिवन, वृंदावन

निधिवन
निधिवन का घना तुलसी वन
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
देवताराधा कृष्ण
त्यौहारजन्माष्टमी, राधाष्टमी, होली, शरद पूर्णिमा , कार्तिक पूर्णिमा
विविध
अवस्थिति जानकारी
अवस्थितिवृंदावन
ज़िलामथुरा जिला
राज्यउत्तर प्रदेश
देशभारत
भौगोलिक निर्देशांक27°35′00″N 77°41′52″E / 27.583269°N 77.697643°E / 27.583269; 77.697643निर्देशांक: 27°35′00″N 77°41′52″E / 27.583269°N 77.697643°E / 27.583269; 77.697643

निधिवन "तुलसी वन" भारत के उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित वृंदावन के पवित्र स्थलों में से एक है।[1] इसे हिंदू देवी-देवताओं राधा और कृष्ण एवं उनकी सखियाँ गोपियों की लीलाओं को समर्पित एक प्रमुख स्थल के रूप में माना जाता है। प्राय: भक्तों के बीच यह आम धारणा है कि निधिवन में अभी भी रात के समय में राधा कृष्ण की रासलीलाएँ (नृत्य) होती हैं। अत: किसी को भी रात में निधिवन के परिसर के अंदर रहने की अनुमति नहीं है।[2]

इस प्रांगण में तुलसी के पौधे प्राय: ऊँचाई में छोटे- छोटे और जोड़े में पाये जाते हैं। तुलसी के पौधों के अलावा, परिसर में 'रंग महल' नामक एक मंदिर भी है, जहां यह माना जाता है कि राधा और कृष्ण रासलीला के बाद अपनी रात व्यतीत करते हैं। परिसर के भीतर 'बंसीचोर राधा मंदिर' नामक एक और मंदिर भी है, जहां राधा ने कृष्ण की बांसुरी चुराई थी। इसके अलावा स्वामी हरिदास को समर्पित एक तीर्थस्थल, जिसने अपनी पूरी भक्ति के साथ बांके बिहारी की मूर्ति बनाई थी। इसके अतिरिक्त परिसर में 'रासलीला स्थली' (जहां रासलीला की जाती है) और ललिता कुंड भी विद्यमान है। ऐसा माना जाता है कि रासलीला के बीच जब गोपियों ने पानी मांगा तो कुंड स्वयं कृष्ण ने बनाया था।[3][4][5]

सन्दर्भ

  1. "वृंदावन में धार्मिक पर्यटन: परिप्रेक्ष्य और अंतर्दृष्टि-भारतीय पत्रिकाएँ". www.indianjournals.com. अभिगमन तिथि 2021-09-03.
  2. "वृंदावन में रहस्यमय निधिवन और इसकी लोकप्रिय दास्तां". टूर माई इंडिया (अंग्रेज़ी में). 2016-09-12. अभिगमन तिथि 2021-09-03.
  3. "रहस्यमय निधिवन वृंदावन - पूरी कहानी". यात्राधाम (अंग्रेज़ी में). 2021-05-08. अभिगमन तिथि 2021-09-03.
  4. "निधिवन वृंदावन का रहस्य, निधिवन की कहानी हिंदी में, चित्र, वीडियो, मानचित्र". श्री मथुरा जी (अंग्रेज़ी में). 2017-08-14. अभिगमन तिथि 2021-09-03.
  5. "निधिवन, वृंदावन- दर्शन और लीलाएं". ब्रज रस - ब्रज वृंदावन का आनंद. अभिगमन तिथि 2021-09-03.