नारायणगढ़ राज
Narayangarh Raj | |||||||
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1264 A.D–1949 A.D | |||||||
राजधानी | Narayangarh | ||||||
प्रचलित भाषाएँ | Bengali, Bhumij, Santali | ||||||
सरकार | Monarchy (1264–1857) Zamindari Estate (1857–1947) | ||||||
Raja | |||||||
• 1264 | Gandharva Pal (first) | ||||||
• 1844-1933 | Prithviballabh Pal (last) | ||||||
इतिहास | |||||||
• स्थापित | 1264 A.D | ||||||
• Acceded to India | 1949 A.D | ||||||
मुद्रा | Indian Rupee | ||||||
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अब जिस देश का हिस्सा है | West Bengal, Republic of India |
नारायणगढ़ राज, जिसे नारायणगढ़ साम्राज्य के नाम से भी जाना जाता है, एक मध्ययुगीन अर्ध-स्वतंत्र राज्य था जो बाद में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मिदनापुर जिले में ब्रिटिश राज के दौरान सदगोप की एक बड़ी जमींदारी संपत्ति बन गया। इस राज्य का क्षेत्रफल 126.96 वर्ग मील था, जिसमें 387 गाँव शामिल थे।
इतिहास
आपकी जानकारी सही है। नारायणगढ़ राज, जिसे मिदनापुर के नारायणगढ़ साम्राज्य के नाम से भी जाना जाता है, की स्थापना 1264 में गोंडोबाह पाल ने की थी, जिन्हें गंधर्व पाल के नाम से भी जाना जाता है। यह भी कहा जाता है कि गंधर्व पाल का जन्म आउसग्राम के दिगनगर में हुआ था, जो अमरागढ़ के करीब है। यदि आपको इस विषय पर और जानकारी चाहिए या किसी अन्य प्रश्न का उत्तर चाहिए, तो कृपया पूछें।
यह सभी देखें
- नारायणगढ़, पश्चिम मेदिनीपुर
- मिदनापुर राज
- नराजोल राज