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नारायण बारेठ

नारायण बारेठ

सूचना आयुक्त - राजस्थान
कार्यकाल
दिसंबर 2020—अक्टूबर 2022

राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय
जालस्थल ट्विटर पर नारायण बारेठ

नारायण बारेठ एक वरिष्ठ भारतीय पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक और राजस्थान के पूर्व सूचना आयुक्त हैं। [1] एक पत्रकार के रूप में, वह बीबीसी, द एशियन एज और द पायनियर सहित विभिन्न समाचार समूहों से जुड़े रहे हैं। [2] [3] उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार केंद्र और हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय दोनों में पत्रकारिता के प्रोफेसर के रूप में सेवाएँ प्रदान की है। [4] [5]

कैरियर

पत्रकारिता

बारेठ करीब तीन दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने 1986 में कोटा में नवभारत टाइम्स में अपना करियर शुरू किया और द एशियन एज, बीबीसी, दैनिक भास्कर, डेक्कन क्रॉनिकल और द पायनियर सहित विभिन्न समाचार समूहों के साथ जुड़ते रहे। एक दशक से अधिक समय तक बीबीसी राजस्थान के संवाददाता के रूप में काम करते हुए, उन्हें राजस्थान में बीबीसी की नींव रखने का श्रेय दिया जाता है। [6] [7] राजस्थान में एक सम्मानित पत्रकार के रूप में, उन्होंने बड़े पैमाने पर रेगिस्तानी क्षेत्र के अकालों को कवर किया है और भारत-पाक सीमा, प्रवासन और पाकिस्तान से शरणार्थियों की आमद जैसे मुद्दों पर रिपोर्टिंग की है। उन्होंने सामाजिक भेदभाव, महिला सशक्तिकरण और राज्य में मुसलमानों और दलितों जैसे हाशिए के समुदायों के विकास की कहानियों पर कई लेख भी लिखे हैं। वह आरटीआई अधिनियम की स्थापना के अभियान से भी जुड़े रहे। [8] 2005 में, प्रोफ़ेसर बारेठ ने साबरमती से दांडी तक गांधी के प्रसिद्ध दांडी मार्च का अनुसंधान किया और उनकी यात्रा का दस्तावेजीकरण किया। कई उन्मुखीकरण कार्यक्रमों में भाग लेने के साथ-साथ उन्होंने मीडिया और पत्रकारिता पर भाषण दिए हैं और विभिन्न स्थानों में कार्यशालाओं में भाग लिया है। उनके प्रिय शोध-विषयों में रेडियो पत्रकारिता शामिल है। [7] [9] [10] [11]

हाल के रुझानों पर बारेठ कहते हैं कि भारत के पास हर क्षेत्र में संरक्षित करने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन बाजार अब हर चीज पर हावी हो रहा है। उनके अनुसार भारत की संस्कृति, अध्यात्म, योग, पहनावा, खान-पान इसकी सॉफ्ट पावर है, लेकिन देश अपनी पहचान से ओझल होता जा रहा है। उन्होंने मीडिया पर जनहित के बजाय विज्ञापनों पर बढ़ते ध्यान के बारे में चिंता व्यक्त की, वे मानते हैं कि सवाल करना समाज की समझ के लिए महत्वपूर्ण है, जिसे दबाया नहीं जाना चाहिए। [12]

राज्य सूचना आयुक्त

नारायण बारेठ की दिसंबर 2020 में राज्य सूचना आयुक्त केआर रूप में नियुक्ति हुई।[13][14][15][16]

अपने 21 महीने के कार्यकाल के दौरान बारेठ ने 389 शिकायतों सहित 7,000 से अधिक मामलों का समाधान किया। कुछ मामलों में, अधिकारियों को अपने सेवा रिकॉर्ड को अद्यतन करने के लिए भी निर्देशित किया गया। अपने कार्यकाल के दौरान, बारेठ ने 200 से अधिक ग्रामीण विकास और पंचायती राज अधिकारियों, साथ ही 35 शहरी विकास और स्थानीय निकाय अधिकारियों पर जुर्माना लगाया, जो आरटीआई के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान करने में विफल रहे थे। [17] [18] [19] बारेठ ने कहा कि उनके पास कोविड लॉकडाउन के कारण केवल 17 महीने का वास्तविक कार्य समय था, लेकिन फिर भी पेंशन मामलों और दस्तावेज़ अनुरोधों जैसे कम प्रभाव वाले आवेदनों सहित सभी केसों को प्राथमिकता के साथ किया। [20] [21] [22] [23] [24]

नारायण बारेठ ने सुशासन के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के उपयोग के महत्व को स्वीकार किया। उनके अनुसार, राजस्थान में केवल 3.5% आबादी वर्तमान में RTI का उपयोग कर रही है। बारेठ ने स्वीडन को एक ऐसे देश के उदाहरण के रूप में उद्धृत किया जहां आरटीआई को लगभग 250 वर्षों से लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप काम की गति तेज हो गई है और लगभग न के बराबर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि सूचना आयोग आरटीआई के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर काम कर रहा है और आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती राजस्थान में लगभग 18,000 लंबित मामलों का बैकलॉग है, जिसमें से अब तक केवल 5,000 मामलों का समाधान हुआ है। संसाधनों की कमी के बावजूद लोगों की अपील पर काम करने का प्रयास किया जा रहा है। [25] [26]

सूचना आयुक्त के रूप में बारेठ के अंतिम कार्य दिवस में 10 मामलों का समाधान देखा गया। 21 महीनों में उन्होंने कोई छुट्टी नहीं ली और प्रति माह औसतन 396 मामलों का समाधान किया, जो एक रिकॉर्ड था। बारेठ ने पंचायती राज और स्थानीय निकायों को न केवल आवेदकों को जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया, बल्कि उस जानकारी को अपनी वेबसाइटों पर प्रसारित और प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया। [20]

पद

पद संगठन अवधि
आयुक्त राजस्थान राज्य सूचना आयोग दिसंबर 2020—अक्टूबर 2022
मंत्री पत्रकार संघ राजस्थान
प्रोफ़ेसर हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय 2013—2016
प्रोफ़ेसर मीडिया स्टडीज, राजस्थान विश्वविद्यालय2016—2017

संदर्भ

  1. "India's Karnataka state votes in 'do or die' battle for Modi rivals". Nikkei Asia (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  2. "Jaipur: कल से जवाहर कला केंद्र में होंगे राजस्थान डेल्फिक खेल, कला-संस्कृति में ये खेल कराने वाला पहला राज्य". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  3. Aron, Sunita (2016-04-01). The Dynasty: Born to Rule (अंग्रेज़ी में). Hay House, Inc. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-85827-10-5.
  4. "राजस्थानः डीबी गुप्ता पर जताया सीएम गहलोत ने भरोसा, बने मुख्य सूचना आयुक्त". आज तक. 2020-12-05. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  5. strike, the news (2022-10-21). "Newly appointed APRO's five-day capacity enhancement workshop concluded". The News Strike (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  6. प्रसाद, अयोध्या (2018-04-13). चौथा धंधा: किस्से जर्नलिज़्म के. Notion Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-64249-670-3.
  7. "Colloquium Series: "Rajasthan Assembly Elections 2018: A Panel Discussion" | Azim Premji Foundation". azimpremjifoundation.org. मूल से 11 मई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  8. Roy, Aruna; Collection, MKSS (2018-05-31). The RTI Story: Power to the People (अंग्रेज़ी में). Roli Books Private Limited. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-937049-1-2.
  9. जयपुर, संतोष कुमार पांडेय (2023-01-15). "राजस्थान का एक साल वाला वो पहला दलित मुख्यमंत्री, जिसकी एक गलती पर आलाकमान ने छीन ली कुर्सी". www.abplive.com. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  10. भारद्वाज, पुलकित. "अलवर कांड राजस्थान की कांग्रेस सरकार को शर्मसार करने वाला अकेला हालिया मामला नहीं है". Satyagrah. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  11. "राजस्थान के मुस्लिम समुदाय में विषय वस्तू का जानकार व ढंग के भाषण देने वाले सियासी वक्ता का है पूरी तरह अभाव: अशफाक कायमखानी – New India Times" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  12. "हमारी विरासत में आक्रामकता नहीं, शालीनता है, इसे सहेजने की जरुरत-बटब्याल". Univarta. 11 February 2023.
  13. "डीबी गुप्ता राजस्थान के मुख्य सूचना आयुक्त, नारायण बारेठ व शीतल धनखड़ बने आयुक्त". Hindustan Smart (hindi में). मूल से 11 मई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-05-11.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  14. कायमखानी, अशफाक. "नारायण बारेठ को सूचना आयुक्त बनाने की मुख्यमंत्री गहलोत के फैसले की चारों तरफ हो रही है तारीफ – New India Times" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  15. "वरिष्ठ पत्रकार व जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन आफ राजस्थान जार के पूर्व मंत्री नारायण बारेठ को राजस्थान सूचना आयुक्त नियुक्ति की बधाई". जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (जार) (अंग्रेज़ी में). 2020-12-05. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  16. "सूचना आयुक्त बारहठ का सम्मान". https://www.mahanagartimes.com/post/honor-of-information-commissioner-twelve (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-11. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  17. Codingest (2021-09-21). "सूचना के अधिकार के तहत सूचना नहीं देना राज्य के अधिकारियों को पड़ा भारी, सूचना आयोग ने 5—5 हजार रुपए का लगाया जुर्माना". First Bharat (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  18. स्टाफ, द वायर (2021-03-08). "राजस्थान: राज्य सूचना आयोग ने दो अधिकारियों पर जुर्माना लगाया". The Wire - Hindi (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  19. "Four officials fined for ignoring RTI pleas". The Times of India. 2022-03-10. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-8257. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  20. Delhi 1, Admin (2022-10-01). "राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ का कार्यकाल हुआ समाप्त". jantaserishta.com. मूल से 11 मई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  21. "नारायण बारेठ का कार्यकाल समाप्त, किया 7 हजार से ज्यादा मामलों का निस्तारण". dainiknavajyoti.com. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  22. "सूचना के अधिकार को लेकर आयुक्त ने लगाई अधिकारियों की क्लास, कही ये बात". Zee News. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  23. भाषा (2022-04-27). "राजस्थान : सूचना कानून के प्रति बेरुखी अपनाने वाले वाले पांच अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया". ThePrint Hindi (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  24. Iqbal, Mohammed (2021-07-17). "Information Commission upset over pension delay". The Hindu (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-751X. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  25. "Special सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करने में देश पीछे RTI से सुधर सकती है सरकारों की दशा नारायण बारहठ". ETV Bharat News. अभिगमन तिथि 2023-05-11.
  26. "राज्य सूचना आयोग का बड़ा फैसला, अब अधिकारियों को लापरवाही पड़ेगी भारी | Ongoing decision of State Information Commission". Patrika News. 2022-09-15. अभिगमन तिथि 2023-05-11.