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नाम की व्युत्पत्ति के आधार पर भारत के राज्य

भारतीय गणराज्य का १९४७ में राज्यों के संघ के रूप में गठन हुआ। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, १९५६ के अनुसार राज्यीय सीमाओं को भाषाई आधार पर पुनर्व्यवस्थित किया गया, इसलिए कई राज्यों के नाम उनकी भाषाओं के अनुसार हैं और आमतौर पर तमिल नाडु (तमिल) और कर्णाटक (कन्नड़) को छोड़कर, इन नामों की उत्पत्ति संस्कृत से होती है। तथापि अन्य राज्यों के नाम उनकी भौगोलिक स्थिति, विशेष इतिहास या जनसंख्याओं और औपनिवेशिक प्रभावों पर पड़े हैं।

राज्यों की नामोत्पत्ति

राज्य का नाम (मानचित्र पर)राज्य की भाषा मेंशब्दार्थभावार्थ
अरुणाचल प्रदेश (१)अरुणाचल प्रदेश (हिन्दी)भोर-प्रकाशित पर्वतों की भूमि।संस्कृत में, अरुण का अर्थ है "भोर से चमकते" और अचल अर्थात जो चलायमान न हो यानी "पर्वत"।
असम (२)
অসম
(असमिया)
अतुल, अद्वितीय या असमानअहोम से, यह नाम भूतपूर्व कमरुप साम्राज्य के लोगों द्वारा शान लोगों को दिया गया था जो उस समय सत्तारूढ़ थे और बाद में यह शब्द असम संस्कृत में आया।
आन्ध्र प्रदेश (३)
ఆంధ్ర ప్రదేశ
(तेलुगु)
आंध्र लोगों की भूमि।संस्कृत में आन्ध्र का अर्थ है "दक्षिण"। एक प्रारंभिक भारतीय जन भी इसी नाम से थे। देखें: सतवाहन
उड़ीसा (४)ଓଡ଼ିଶା (उड़िया)उड़िया लोगों की भूमि।उड़िया शब्द ओडिया से आया जो स्वयं भी ओड्र या उड्र जनजाति के लोगों का नाम है जो वर्तमान उड़िसा की केन्द्रीय पट्टी में रहा करते थे।
उत्तर प्रदेश (५)उत्तर प्रदेश (हिन्दी)उत्तर का प्रदेश या प्रांतसंस्कृत, उत्तर अर्थात "उत्तर" और प्रदेश अर्थात "प्रांत" या ""भूमि"।
उत्तराखण्ड (६)उत्तराखण्ड (हिन्दी)ना खंडित होने वाला उत्तरी भागआमतौर पर उत्तरांचल के नाम से भी जाना जाता है, अर्थात उत्तर का आंचल या उत्तरी पर्वत।
कर्णाटक (७)
ಕನಾ೯ಟಕ
(कन्नड़)
ऊँची भूमिकर्नाटक का नाम कारू यानी उच्च+ नाड यानी भूमि= उच्चभूमि के आधार पर पड़ा है। यह दक्कन की पहाड़ियों का द्योतक है।
केरल (८)
കേരളം
(मलयालम)
नारियल के वृक्षों की भूमिकेरा=नारियल और अलम=भूमि
गुजरात (९)
ગુજરાત
(गुजराती)
गुजराती लोगों की भूमिगुर्जर क्षत्रिय थे।
गोआ (१०)गोंय (कोंकणी)इसका नाम यूरोपीय भाषाओं के आधार पर पड़ा है।
छत्तीसगढ़ (११)छत्तीसगढ़ (हिन्दी)छत्तीस दुर्गगढ़ का अर्थ है दुर्ग या किला जो आक्रमणकारी सेनाओं से वचाव के लिए बनाए गए थे।
जम्मू और कश्मीर (१२)جموں و کشمی (कश्मीरी)जल द्वारा कुम्हलाई भूमिसंस्कृत का (पानी) और शिमीर (को सुखाना), अर्थात जो जल से सुरक्षित हो।
झारखण्ड (१३)झारखंड (हिन्दी)"झाड़ियों" की भूमिहिन्दी के झाड़ी से अर्थात झाड़फ़ूस का प्रदेश।
तमिल नाडु (१४)தமிழ்நாடு (तमिल)तमिल प्रदेशतमिल में नाडु का अर्थ है "राष्ट्र" या "गृहभूमि"।
त्रिपुरा (१५)
ত্রিপুর
(कोकबोरोक)
त्रिपुरा के नाम के संबंध में कई प्रमेय प्रचलित हैं। विवरण के लिए मुख्यलेखत्रिपुरा देखें।
नागालैण्ड (१६)Nagaland (अंग्रेज़ी)नागा लोगों की भूमि
पंजाब (१७)
ਪੰਜਾਬ
(पंजाबी)
पाँच नदियों की धरतीफ़ारसी और संस्कृत, अर्थात "पाँच नदियों" का प्रदेश।
पश्चिम बंगाल (१८)
পশ্চিমবঙ্গ
(बंगाली)
बंगाली लोगों की पश्चिम में स्थित भूमिबंगाल संस्कृत के बंग शब्द से आया है जिसका अर्थ है पूर्व की भूमि. पश्चिम बंगाल नाम 1905 में बंगाल के विभाजन के बाद इसका नाम पड़ा. यह बंगाल का पश्चिमी हिस्सा है। हालांकि विभाजन का प्रस्ताव 1911 में वापस ले लिया गया।
बिहार (१९)बिहार (हिन्दी)विहार ("बौद्ध मठ")बिहार शब्द विहार का अपभ्रंश रूप है। विहार बौद्ध भिक्षुकों की विश्राम स्थली है।
मणिपुर (२०)
মণিপুর
(मणिपुरी)
आभूषणों की धरती
मध्य प्रदेश (२१)मध्य प्रदेश (हिन्दी)मध्य प्रांत या प्रदेश
महाराष्ट्र (२२)महाराष्ट्र (मराठी)महान राष्ट्र महान असे राष्ट्र = महाराष्ट्रइसका उद्गम संस्कृत के दो शब्दों: महान+ राष्ट्र से हुआ है। महान का अर्थ है विराट या विशाल जिसका ग्रीक समानार्थी शब्द मेगा और लैटिन समानार्थी शब्द मेगा है। और राष्ट्र का अर्थ राज्य है।
मिज़ोरम (२३)Mizoram (मिज़ो)पर्वतनिवासियों की भूमि
मेघालय (२४)Megahalaya (गारो)मेघों (बादलों) का घरसंस्कृत के मेघ यानी "बादल" और आलय यानी "घर"।
राजस्थान (२५)राजस्थान (हिन्दी)राजाआँ की भूमिराज का संस्कृत में अर्थ है "राजा"।
सिक्किम (२६)सिक्किम (नेपाली)नवीन या नया महलसिक्किम का सबसे मान्य उद्गम के अनुसार यह दो लिंबु शब्दों: Su, जिसका अर्थ है "नया" और क्इम, जिसका अर्थ है "महल" या घर। इसका संबंध यहाँ के पहले शासक फूंतसौग नामग्एल द्वारा बनवाए महल से है। सिक्किम का तिब्बति नाम डेनजाँग है, जिसका अर्थ है "चावल की घाटी"
हरियाणा (२७)हरियाणा (हिन्दी)हरि (ईश्वर) की भूमिहरयाणा वासी शिवशंकर के उपासक भी हैं।
हिमाचल प्रदेश (२८)हिमाचल प्रदेश (हिन्दी)हिम अच्छादित पर्वतों की भूमिसंस्कृत में, हिम यानी "बर्फ़" और अचल यानी "पर्वत"।