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नमस्ते लंदन

नमस्ते लंदन

नमस्ते लंदन का पोस्टर
निर्देशकविपुल अमृतलाल शाह
लेखक सुरेश नायर
रितेश शाह (संवाद)
पटकथा सुरेश नायर
निर्माता विपुल अमृतलाल शाह
अभिनेताअक्षय कुमार,
कैटरीना कैफ़,
ऋषि कपूर
संगीतकारहिमेश रेशमिया
प्रदर्शन तिथियाँ
23 मार्च, 2007
देशभारत
भाषाहिन्दी

नमस्ते लंदन 2007 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह विपुल अमृतलाल शाह द्वारा निर्देशित और निर्मित है।[1] इसमें ऋषि कपूर, अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ़, नीना वाडिया, जावेद शेख, उपेन पटेल और क्लाइव स्टैंडन हैं। यह फिल्म टिकट खिड़की पर सफल रही थी।[2] यह 2007 की नौवीं सबसे अधिक कमाई करने वाली हिन्दी फिल्म रही थी।

53वें फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों में, नमस्ते लंदन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का नामांकन प्राप्त हुआ था। कई आलोचकों ने इस फ़िल्म को मनोज कुमार की पूरब और पश्चिम (1970) जैसी बताई।

कहानी

भारतीय मूल का मनमोहन मल्होत्रा (ऋषि कपूर) ​​लंदन चला जाता है और वहां खुद को स्थापित करता है। वह बेबो से शादी करता है लेकिन चार साल बाद उसके लिए वीजा प्राप्त करके उसे साथ लेने आता है। इसके तुरंत बाद वह जसमीत को जन्म देती है। मनमोहन हमेशा बेबो के कारण शर्मिंदा महसूस करता है क्योंकि वह अंग्रेजी नहीं बोल पाती और इस कारण इंग्लैंड में ढल नहीं पाती है। परिणामस्वरूप, सामाजिक मेलजोल के दौरान वह हमेशा उसे महत्वपूर्ण अवसरों से दूर ही रखता था। बेबो नहीं चाहती थी कि जसमीत के साथ भी ऐसा हो। इसलिए उसने उसे एक अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाया, उसे ब्रिटिश दोस्तों के साथ घुलने-मिलने के लिए प्रोत्साहित किया और जसमीत "जैज़" (कैटरीना कैफ़) बन जाती है। वह दिखने में, बात करने में, आदतों में और दिल से एक आधुनिक लड़की बन जाती है। जो भारतीय मान्यताओं को बिलकुल नहीं मानती और उनको तुच्छ मानती है।

मनमोहन सोचता है कि उसके लिए भारतीय दामाद लाना असंभव है। हालाँकि उसके सबसे अच्छे दोस्त परवेज़ ख़ान (जावेद शेख) की स्थिति उनके बेटे इमरान (उपेन पटेल) के साथ भी ऐसी ही है। उसकी एक अंग्रेज़ प्रेमिका सुज़ैन है। अब मनमोहन अपने परिवार को भारत भ्रमण पर ले जाता है और जसमीत को अर्जुन सिंह (अक्षय कुमार) से शादी करने के लिए मजबूर करता है। जिसे अंग्रेजी बोलना नहीं आता है। लंदन लौटने पर, जसमीत बताती है कि वह चार्ली ब्राउन नाम के एक अंग्रेज से शादी करेगी। वह अर्जुन के साथ अपनी शादी को मान्यता देने से इंकार कर देती है क्योंकि शादी का कोई कानूनी सबूत नहीं है। जब जसमीत को ब्राउन परिवार के दोस्तों से मिलवाया जाता है तो वह अर्जुन के साथ चार्ली के परिवार से मिलने जाती है जहां अर्जुन उसके परिवार को भारत के बारे में बताता है। जैज़ इसमें चार्ली के परिवार के लिए इसका अनुवाद करता है क्योंकि वे हिन्दी नहीं समझते हैं। लेकिन जैज़ चार्ली ब्राउन से सगाई कर लेती है, जिससे अर्जुन उदास हो जाता है। मनमोहन एक योजना खोजता है और अर्जुन को रग्बी फुटबॉल खेलने और जैज़ का दिल जीतने के लिए कहता है। चार्ली अपनी टीम लेकर रग्बी खेलने आता है। चूँकि मनमोहन रग्बी खेलते-खेलते थक जाता है, इसलिए वह इंग्लैंड टीम को हराने के लिए अर्जुन को बुलाता है। वह जैज़ का दिल जीतकर रग्बी जीत जाता है।

इसी दौरान जैज़ की अर्जुन से नजदीकियां बढ़ जाती हैं। इसके बाद सुज़ैन के माता-पिता इमरान को इस्लाम छोड़ने और ईसाई बनकर अपना नाम बदलकर इमैनुएल या इयान रखने के लिए कहते हैं। फिल्म एक ख़ुशी के साथ समाप्त होती है जब इमरान ईसाई नहीं बनने का फैसला करता है और सुज़ैन को इमरान के परिवार द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है। अर्जुन जैज़ और चार्ली की शादी में आता है। वह रोते हुए शादी छोड़ देता है। जैज़ को इसका एहसास होता है कि उसके मन में अर्जुन के लिए भावनाएँ आने लगी हैं और उसे अर्जुन के साथ अपनी शादी याद आती है। वह अर्जुन के लिए अपनी शादी से भाग जाती है। शादी के बाद वह अर्जुन के साथ वापस भारत जाती है जहां वे अर्जुन की मोटरसाइकिल की सवारी करते हुए दिखाई देते हैं। जब वे मोटरसाइकिल पर थे तो अर्जुन ने खुलासा किया कि वह हमेशा सी अंग्रेजी बोलना जानता था।

मुख्य कलाकार

संगीत

यहाँ इन गीतों के रिमिक्स संस्करण नहीं लिखे गए हैं। इन मूल सात गीतों के 11 तरह-तरह के रिमिक्स मौजूद हैं।

नमस्ते लंदन
फ़िल्मी संगीत हिमेश रेशमिया द्वारा
जारी 27 जनवरी 2007
रिकॉर्डिंग 2006
भाषा हिन्दी
लेबलएरोस म्यूजिक
हिमेश रेशमिया कालक्रम

रेड
(2007)
नमस्ते लंदन
(2007)
शाकालाका बूम बूम
(2007)

सभी गीत जावेद अख़्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत हिमेश रेशमिया द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."चकना चकना"हिमेश रेशमिया5:46
2."वीरानियाँ"हिमेश रेशमिया5:44
3."मैं जहाँ रहूँ"राहत फ़तेह अली ख़ान, कृष्णा बेउरा6:23
4."यही होता प्यार"हिमेश रेशमिया, सुनिधि चौहान6:24
5."रफ़्ता रफ़्ता"आरडीबी4:43
6."आनन फ़ानन"जयेश गाँधी, आकृति कक्कड़6:03
7."दिलरुबा"जुबिन गर्ग, अलीशा चिनॉय5:32

सन्दर्भ

  1. "'नमस्ते लंदन' देखकर डर गई थीं कटरीना कैफ, बोलीं- लगा यह फिल्म मेरा करियर खत्म कर देगी". नवभारत टाइम्स. अभिगमन तिथि 9 अगस्त 2024.
  2. "Happy Birthday: नमस्ते लंदन से लेकर वेलकम तक, ये हैं Katrina Kaif के करियर की जबरदस्त फिल्में". HerZindagi. 16 जुलाई 2024. अभिगमन तिथि 9 अगस्त 2024.

बाहरी कड़ियाँ

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