नन्द किशोर पृष्टि
नन्द किशोर पृष्टि | |
---|---|
![]() नन्दकिशोर पृष्टि, भारत के राष्ट्रपति रामनथ कोविन्द से पद्मश्री सम्मान प्राप्त करते हुए | |
जन्म | 1919![]() |
मौत | 7 दिसम्बर 2021[1] ![]() भुवनेश्वर ![]() |
मौत की वजह | प्राकृतिक मृत्यु[2] ![]() |
नागरिकता | भारत, ब्रिटिश राज, भारतीय अधिराज्य ![]() |
पेशा | शिक्षक[3] ![]() |
नन्द किशोर पृष्टि (१९१९ - ७ दिसम्बर २०२१) एक शिक्षक एवं शिक्षाविद थे। वे 'नन्द पृष्टि' तथा 'नन्द सार' नाम से प्रसिद्ध थे। शिक्षाक्षेत्र में योगदान के लिये भारत सरकार ने उन्हें २०२० में पद्मश्री से सम्मानित किया। वे ओड़ीसा के याजपुर जिला के सुकिन्दा ब्लाक अन्तर्गत कण्टिरा ग्राम की पाठशाला में शिक्षक थे।[4]
सन्दर्भ
- ↑ "ପଦ୍ମଶ୍ରୀ ନନ୍ଦ କିଶୋର ପୃଷ୍ଟିଙ୍କ ପରଲୋକ; ୧୦୩ ବର୍ଷ ବୟସରେ ଆର ପାରିକୁ ଗଲେ ସବୁରି ପ୍ରିୟ 'ନନ୍ଦ ସାର'". मूल से 7 दिसम्बर 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 दिसम्बर 2021.
- ↑ "ପରଲୋକରେ ପଦ୍ମଶ୍ରୀ ନନ୍ଦ ସାର୍, ୧୦୪ ବର୍ଷରେ ଚିକିତ୍ସାଧୀନ ଅବସ୍ଥାରେ ଦେହାନ୍ତ". प्रमेय (समाचार पत्र). मूल से 7 दिसम्बर 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 दिसम्बर 2021.
- ↑ https://www.newindianexpress.com/good-news/2020/oct/11/98-year-oldnanda-kishore-prusty-unstoppable-mission-of-literacy-2208782.html. अभिगमन तिथि 26 जनवरी 2021. गायब अथवा खाली
|title=
(मदद) - ↑ "कोरोना से पद्मश्री Nanda Kishore Prusty की मृत्यु, इसलिए देश उन्हें याद रखेगा". ज़ी न्यूज. 7 दिसम्बर 2021. अभिगमन तिथि 9 दिसम्बर 2021.