नंदा घुंटी
नंदा घुंटी | |
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उच्चतम बिंदु | |
ऊँचाई | 6,309 मी॰ (20,699 फीट) |
सूचीयन | List of mountains in India |
निर्देशांक | 30°20′58″N 79°42′58″E / 30.34944°N 79.71611°Eनिर्देशांक: 30°20′58″N 79°42′58″E / 30.34944°N 79.71611°E |
भूगोल | |
नंदा घुंटी Location in northern India | |
स्थान | चमोली, उत्तराखंड, भारत |
मातृ श्रेणी | गढ़वाल हिमालय |
आरोहण | |
प्रथम आरोहण | 1947 |
नंदा घुंटी हिमालय मे एक पर्वत है जिसकी ऊंचाई 6,309-मीटर (20,699 फीट) यह भारत के उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल तहसील में नंदा देवी अभयारण्य के बाहरी रिम पर स्थित है।
इतिहास
1907 में टी जी लॉन्गस्टाफ द्वारा पहली बार इस पहाड़ का सर्वेक्षण किया गया था। 1931 में एरिक शिप्टन ने पश्चिम से इसका सर्वेक्षण किया। शिखर तक पहुँचने का पहला गंभीर प्रयास 1944 में बी.आर. गुडफेलो और जे. बज़ार्ड (यू के) द्वारा किया गया था। अंत में, आंद्रे रोच के तहत एक स्विस टीम ने 1947 में पूर्वी रिज के माध्यम से पहली चढ़ाई दर्ज़ की।
पहली भारतीय चढ़ाई 1960 में की गई थी। इस अभियान का आयोजन हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ कोलकाता द्वारा सुकुमार रॉय के नेतृत्व में किया गया था और इसे आनंदबाजार पत्रिका के अशोक कुमार सरकार द्वारा संरक्षण दिया गया था। 22 अक्टूबर 1960 को पूर्वी रिज के माध्यम से इस द्ल ने शिखर पर झंडा फहराया। शिखर में सुकुमार रॉय, दिलीप बनर्जी, अजीबा, नोरबू, आंग शेरिंग और नीमा ताशी थे। टीम के अन्य सदस्य ध्रुबा रंजन मजुमदार, बिश्वदेव विश्वास, निमाई बोस, मदन मंडल, डॉ. अरुण कार, पत्रकार गौर किशोर घोष और फोटोग्राफर बिरेद्र नाथ सिन्हा थे।
बाद के सफल अभियान 1977 और 1980 में आयोजित किए गए।
यात्रियों को हिमालय में रूपकुंड के रास्ते में नंदा घुंटी और त्रिशूल के स्पष्ट दृश्य मिलते हैं। [1]
पड़ोसी और सहायक चोटियाँ
- रोन्टी 6,063 मी॰ (19,892 फीट)30°22′09″N 79°43′10″E / 30.36917°N 79.71944°E
- त्रिशूल 7,120 मी॰ (23,360 फीट)30°18′36″N 79°46′12″E / 30.31000°N 79.77000°E
- बेथारटोली 6,352 मी॰ (20,840 फीट)30°22′39″N 79°47′14″E / 30.37750°N 79.78722°E
संदर्भ
- ↑ Himalayan Association Journal, Vol-VII, pg. 44