न 'को लिपी
न'को, १९४९ में सोलोमन कांते द्वारा पश्चिम अफ्रीका की मैंडिंग भाषाओं के लिए एक आधुनिक लेखन प्रणाली के रूप में तैयार की गई एक वर्णमाला लिपि है।[1][2] न'को शब्द, जिसका अर्थ है मैं कहूँ सभी मैंडिंग भाषाओं में ।
न'को | |
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न'को न'को में | |
प्रकार | वर्णमाला |
भाषाएँ | मंदिंका |
सर्जक | सोलोमन कांते |
यूनिकोड रेंज | https://www.unicode.org/charts/PDF/U07C0.pdf |
नोट: इस पृष्ठ पर आइपीए ध्वन्यात्मक प्रतीक हो सकते हैं। |
लिपि में अरबी लिपि के साथ कुछ समानताएं हैं, विशेष रूप से इसकी दिशा (दाएँ से बाएँ) और अक्षर जो आधार पर जुड़े हुए हैं। अरबी के विपरीत, स्वर और स्वर दोनों को चिह्नित करना अनिवार्य है। एन. के. ओ. टोन को डायक्रिटिक के रूप में चिह्नित किया जाता है।
संदर्भ
- ↑ Eberhard, David; Simons, Gary; Fennig, Charles, संपा॰ (2019). "N'ko". Ethnoloque. अभिगमन तिथि June 12, 2019.
- ↑ Oyler, Dianne (Spring 2002). "Re-Inventing Oral Tradition: The Modern Epic of Souleymane Kanté". Research in African Literatures. 33 (1): 75–93. JSTOR 3820930. OCLC 57936283. S2CID 162339606. डीओआइ:10.1353/ral.2002.0034.