धूलिवंदन
धूलिवंदन अर्थात् धूल की वंदना। ऱाख को भी धूल कहते हैं। होलिका की आग से बनी राख को माथे से लगाने की बाद ही होली खेलना प्रारंभ किया जाता है। अतः इस पर्व को धूलि वंदन कहते हैं।
धूलिवंदन अर्थात् धूल की वंदना। ऱाख को भी धूल कहते हैं। होलिका की आग से बनी राख को माथे से लगाने की बाद ही होली खेलना प्रारंभ किया जाता है। अतः इस पर्व को धूलि वंदन कहते हैं।