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धी

धी एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है 'बोध', 'प्रतिबिम्ब', 'धार्मिक विचार', 'मन', 'बुद्धि', 'मत', 'ध्यान', 'कल्पना', 'धारणा' ', और 'मेधा'। [1] यह शब्द प्रत्यक्षतः वाक् शब्द से जुड़ा है, जिसका अर्थ है वाणीधी का अर्थ 'धरना' या 'स्थान पर रखना' भी है, और यह बुद्धि की गतिविधि को इंगित करता है। [2]

अवलोकन

धी का प्राकृतिक अर्थ 'विचार' है जो संस्कृत शब्द बुद्धि से मेल खाता है जिसका अर्थ है 'मन की गतिविधि', या 'बोध'। [3] वैदिक संस्कृत प्रार्थनापूर्ण या ध्यानपूर्ण चिन्तन हेतु दो शब्दों धी और ब्रह्मन् का उपयोग करती है, जिसके सन्दर्भ में धी का अर्थ है 'दूरदर्शी अन्तर्दृष्टि', 'गहन विचार और प्रतिबिम्ब', और ब्रह्मन् शब्द ब्रह् धातु से बना है, जिसका अर्थ है 'वृद्धि होना', 'विस्तार करना' '।[4]मनुस्मृति में धर्म (धार्मिकता का मार्ग या 'अस्तित्व का नियम', जो इस विश्व के लोगों और पूर्ण सृष्टि को बांधता है) के पालन हेतु दस आवश्यक नियमों का वर्णन करता है - धृति (धैर्य), क्षमा, दम (आत्मनियंत्रण), अस्तेय (अचौर्य), शौच (पवित्रता), इन्द्रिय-निग्रह ('इन्द्रिय नियन्त्रण'), धी ('तर्क'), विद्या ('ज्ञान और शिक्षा ग्रहण'), सत्य और अक्रोध ('क्रोध पर नियन्त्रण')। [5]

सन्दर्भ

  1. "Sanskrit Dictionary". Spokensanskrit.de.
  2. Sri Aurobindo (1988). Vedic Symbolism. Lotus Press. पृ॰ 26. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780941524308.
  3. Sri Aurobindo (1996). Hymns to the Mystic Fire. Lotus Press. पृ॰ 15. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780914955221.
  4. Ian Whicher (January 1998). The Integrity of the Yoga Darsana. SUNY Press. पृ॰ 311. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780791438152.
  5. Shivendra Kumar Sinha (21 December 2008). Basics of Hinduism. Unicorn Books. पृ॰ 31. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788178061559.