धरातलीय जल
धरातलीय जल या सतही जल वह जल है जो पृथ्वी की सतह पर सरिताओं, नदियों, झीलों, तालाबों और आर्द्रभूमियों इत्यादि में पाया जाता है।[1] इसे समुद्री जल, भूजल और वायुमण्डलीय जल से अलग समझा जा सकता है। यह जल चक्र का अभिन्न एवं महत्वपूर्ण हिस्सा है।
जल को संसाधन के रूप में देखा जाए तो मानव उपयोग में आने वाला ज्यादातर जल धरातलीय जल ही है। इसका कारण यह है कि धरातलीय जल का ज्यादातर हिस्सा मीठा जल है और मानव उपयोग योग्य है। साथ ही यह आसानी से उपलब्ध और दोहन योग्य भी है। साथ ही इसमें मनुष्य की क्रियाओं द्वारा काफ़ी प्रदूषण भी हुआ है।[2][3]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ भूगोल XII, pp.
- ↑ पर्यावरण, प्राणी और प्रदूषण; pp. ५६।
- ↑ चक्रेश कुमार जैन, करन कुमार सिंह भाटिया, तिलक राज सपरा: भारत की प्रमुख नदियों में सतही जल प्रदूषण का निर्धारण Archived 2014-07-18 at the वेबैक मशीन राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, via इण्डिया वाटर पोर्टल।