द्वितारा
द्वितारा या द्विसंगी तारा दो तारों का एक मंडल होता है जिसमें दोनों तारे अपने सांझे द्रव्यमान केंद्र (सॅन्टर ऑफ़ मास) की परिक्रमा करते हैं।[1] द्वितारों में ज़्यादा रोशन तारे को मुख्य तारा बोलते हैं और कम रोशन तारे को अमुख्य तारा या "साथी तारा" बोलते हैं। कभी-कभी द्वितारा और दोहरा तारा का एक ही अर्थ निकला जाता है, लेकिन इन दोनों में भिन्नताएँ हैं। दोहरे तारे ऐसे दो तारे होते हैं जो पृथ्वी से इकठ्ठे नज़र आते हों। ऐसा या तो इसलिए हो सकता है क्योंकि वे वास्तव में द्वितारा मंडल में साथ-साथ हैं या इसलिए क्योंकि पृथ्वी पर बैठे हुए वे एक दुसरे के समीप लग रहे हैं लेकिन वास्तव में उनका एक दुसरे से कोई सम्बन्ध नहीं है। किसी दोहरे तारे में इनमें से कौनसी स्थिति है वह लंबन (पैरलैक्स) को मापने से जाँची जा सकती है।
अन्य भाषाओँ में
अंग्रेज़ी में "द्वितारे" को "बाइनरी स्टार" (binary star) और "दोहरे तारे" को "डबल स्टार" (double star) कहा जाता है। गुजराती में "द्वितारे" को "द्विसंगी तारो" (દ્વિસંગી તારો) कहा जाता है। फ़ारसी में द्वितारे को "सितारा-ए-दोताई" (ستاره دوتایی, तेहरानी उच्चारण: सेतोरे-ए-दोतौई) कहा जाता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ विलियम हरशॅल (१८०२). "Catalogue of 500 New Nebulae, Nebulous Stars, Planetary Nebulae, and Clusters of Stars; With Remarks on the Construction of the Heavens (अंग्रेज़ी में)". लन्दन की शाही संसथान की दार्शनिक कार्यवाहियाँ (फ़िलॉसॉफ़िकल ट्रान्ज़ैक्शन्ज़ ऑफ़ द रॉयल सोसायटी ऑफ़ लन्डन). ९२: ४७७–५२८ [४८१]. JSTOR १०७१३१. बिबकोड:1802RSPT...92..477H.