दिव्या अजित कुमार
कप्तान दिव्या अजित कुमार भारतीय सेना ऐऐडी की एक अधिकारी हैं। वह ओटीए चेन्नई से से पास हुई थी। भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार एक महिला कैडेट को "तलवार का सम्मान (स्वोर्ड ऑफ़ हॉनर)"[1] से नवाजा गया हैं। गणतंत्र दिवस २०१५ [2] की परेड के दौरान उन्होंने १५४ महिला अधिकारियों और कैडेटों की सभी महिला टीमों का नेतृत्व किया था।
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प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
कप्तान दिव्या अजित कुमार का जन्म चेन्नई के एक तमिल परिवार में हुआ था। वह अपने घर में अपनी पीढ़ी की पहली सेना अधिकारी हैं। उनकी स्कूली शिक्षा चेन्नई में पूरी हुई थी और स्टेल्ला मारिस कॉलेज, चेन्नई से अपनी आगे की शिक्षा पूरी की। वह एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) में शामिल हो गयी, जिसने उन्हें भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। राजपथ पर एनसीसी महिलाओं की टीम में भाग लिया। बाद में वह ओटीए (ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी) चेन्नई में शामिल हो गयी। दिव्या अजित कुमार को प्रतिष्ठित 'तलवार का सम्मान' पुरस्कार मिला और वह यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली भारतीय सेना के इतिहास में पहली महिला बनीं, जिसे सर्वश्रेष्ठ कैडेट के लिए सम्मानित किया गया, जहां उन्होंने ६३ महिलाओं सहित कुल २४४ कैडेटों को पीछे छोड़ा। दिव्या एक भरतनाटयम नृतक भी हैं और सह ही में वह बास्केट बाल और डिसकस थ्रो भी खेलती हैं।
सेना करियर
कप्तान दिव्या अजित कुमार को सितंबर, २०१० में सेना के वायु रक्षा कोर में नियुक्त किया गया था। गणतंत्र दिवस (२६ जनवरी २०१६) पर पहली बार अखिल भारतीय महिला कप्तान दिव्या अजित कुमार ने नेतृत्व किया। उन्होंने १५४ महिला अधिकारियों और कैडेटों के एक दल का नेत्रत्व किया, जहा अमरीकी राष्टपति "बराक ओबामा" भी उपस्तिथ थे। वह अब ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी, चेन्नई में पद्धति हैं।