दिवेर का युद्ध
दिवेर का युद्ध मेवाड़ के राजा अमर सिंह प्रथम और जहांगीर के नेतृत्व में मुहम्मद परविज और आसफ खान III के नेतृत्व में मुगल सेना के बीच 1582 इस्वी मे लड़ा गया था।[1][2]
1606 में अपने राज्याभिषेक के तुरंत बाद, जहाँगीर ने मेवाड़ पर हमला करने के लिए 20,000 घुड़सवार सेना की एक सेना भेजी। परविज़ केवल आलंकारिक सेनापति थे जबकि वास्तव में वास्तविक कमांडर जहाँगीर थे जिन्होंने आसफ खान को निर्देशित किया था।[3][4]
अमर ने अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए एक कठिन लड़ाई का नेतृत्व किया और व्यक्तिगत रूप से मुगल सेनापति सुल्तान खान और उनके घोड़े को भाले से मार डाला जो दोनों के बीच से चिरता हुआ चला गया। कथित तौर पर युद्ध मे मुग़लों कि पराजय हुई।[5]
इन्हें भी देखें
- मेवाड़
- हल्दीघाटी का युद्ध
- दिवेर-छापली का युद्ध
- महाराणा प्रताप
- अमर सिंह प्रथम
- गुहिल राजवंश
- उदयपुर रियासत
- सिसोदिया (राजपूत)
- मेवाड़ की शासक वंशावली
- Battle Of Diwer: हल्दीघाटी के बाद यहाँ हराया था महाराणा प्रताप ने मुग़लो को। Archived 2024-06-05 at the वेबैक मशीन
सन्दर्भ
- ↑ Prasad, Beni. History of Jahangir. पृ॰ 227.
- ↑ Eraly, Abraham. The Mughal Throne: The Saga of India's Great Emperors. पृ॰ 259.
- ↑ Maharana Pratap by Bhawan Singh Rana. p.81 ISBN 978-8128808258
- ↑ Rajsamand (2001), District Gazetteers, राजस्थान, पृ॰ 35,
The battle of Dewar was fought in a valley of Arvali about 40 km north -east of Kumbhalgarh. ... Prince Amar Singh fought valiantly and pierced through Sultan Khan and the horse he was riding.
- ↑ "Udaipur History". Rajasthan Government official. अभिगमन तिथि 2020-09-25.