दिल चाहता है
दिल चाहता है | |
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"दिल चाहता है" का पोस्टर | |
निर्देशक | फ़रहान अख्तर |
लेखक | फ़रहान अख्तर, कसीम जगमेगिया |
निर्माता | रितेश सिधवानी |
अभिनेता | आमिर ख़ान प्रीति ज़िंटा सैफ़ अली ख़ान अक्षय खन्ना सोनाली कुलकर्णी डिम्पल कपाड़िया अयूब ख़ान |
संगीतकार | शंकर-एहसान-लॉय |
वितरक | एक्सेल एंटरटेन्मेन्ट |
प्रदर्शन तिथियाँ | 24 जुलाई, 2001 |
लम्बाई | 183 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
दिल चाहता है 2001 में फ़रहान अख्तर द्वारा निर्देशित की गई हिन्दी नाटकीय हास्य फिल्म है। आमिर खान, सैफ अली खान, अक्षय खन्ना, प्रीति जिंटा, सोनाली कुलकर्णी और डिंपल कपाड़िया अभिनीत ये फिल्म फरहाँ अख्तर द्वारा लिखित और निर्देशित पहली फिल्म है। 2001 में, फिल्म ने हिन्दी में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।
संक्षेप
फ़िल्म तीन दोस्तों की कहानी दर्शाती है के कैसे तीन युवक उम्र के साथ ज़िम्मेदारी समझते हैं। फ़िल्म के मुख्य किरदार समीर (सैफ अली खान), सिद्धार्थ (अक्षय खन्ना) व आकाश (आमिर खान) हैं।
आकाश प्रेम की अवधारणा पर विश्वास नहीं करता है। समीर बेहद रोमांटिक लेकिन भ्रमित लड़का है। जब भी वह किसी लड़की की ओर आकर्षित होता है तो वह सोच्ता है कि उसे सच्चा प्यार मिल गया है। पेशे से कलाकार और तीनों में से सबसे परिपक्व सिद्धार्थ, रोमांस में रूचि नहीं रखता और अपने काम के प्रति बहुत गंभीर, परिपक्व और समर्पित हैं। आकाश, जो अपने निजी जीवन में बेअदब आदमी है, जल्दबाजी में शालीनी (प्रीति जिंटा) नाम की एक लड़की से प्यार का इजहार करता है। बिना ये जाने कि वह किसी रोहित नामक से सगाई कर चुकी है। वह समीर और उसकी तत्कालीन प्रेमिका प्रिया (सुचित्रा पिल्लई) के बीच ब्रेकअप भी कराता है।
समीर ने पाया कि उसके माता-पिता ने उसके लिये संभावित विवाह साथी चुनी है। वह पहले विरोध करता है लेकिन जिस क्षण वह लड़की को देखता है वह उसे पसंद करने लगता है। दुर्भाग्य से, पूजा (सोनाली कुलकर्णी) किसी के साथ रिश्ते में होती है और इसलिये समीर को उसका सिर्फ दोस्त बनके संतुष्ट होना पड़ता है। सिद्धार्थ उससे बड़ी और तलाकशुदा तारा (डिंपल कपाड़िया) के साथ प्यार में पड़ता है। वह अपनी भावनाओं को दबाने का फैसला करता है क्योंकि वह जानता है कि वह समाज में अधिकांश अन्य लोगों की तरह, इस संबंध को घृणास्पद मानते है। जब उसके परिवार और दोस्तों को पता लगाना शुरू होता है, तो सबकुछ गलत हो जाता है। सिद्धार्थ की मां भयभीत होती है। आकाश सिद्धार्थ का मजाक उड़ाता है। इसलिये वो उसे थप्पड़ मारता है जिससे उनकी दोस्ती में दरार बनती है। तारा सुनती है कि सिद्धार्थ ने उसके कारण मित्रों और परिवार के साथ झगड़ा किया है और महसूस करती है कि उसने उसका जीवन बर्बाद कर दिया है। वह उसे देखने से इंकार कर देती है।
इस बीच, पूजा अपने प्रेमी का साथ छोड़ देती है और समीर और पूजा अंततः घूमना शुरू कर देते हैं। समीर अंततः उससे इजहार करता है।
जब उसके माता-पिता उसे सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में पारिवारिक व्यवसाय के लिए काम करने के लिए भेजते हैं, तो आकाश को पता चलता है कि वह शालिनी के बगल में संयोग से बैठा है। वह उसे नए शहर के आसपास घुमाने के लिए कहता है। हालांकि शालिनी की सगाई हो चुकी है, वो उसके साथ जाती है और धीरे-धीरे उसे उसका साथ पसंद आने लगता है। वह यह पता लगाने की कोशिश करती है कि वह कैसा महसूस करता है। आखिरकार, वह रोहित से शादी करने के लिए भारत जाती है। आकाश उसे जाने देने की कोशिश करता है, लेकिन फिर यह महसूस करता है कि वह ऐसा करने में असमर्थ है। वह भारत लौटता है और उसकी शादी की पूर्व संध्या पर उससे प्यार का इजहार करता है। शालिनी का परिवार आशीर्वाद के साथ उसे स्वीकार करता है।
तारा को लीवर सिरोसिस के साथ अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और सिद्धार्थ के साथ सामने बिस्तर पर मर जाती है। सिद्धार्थ और आकाश अंततः मेल मिलाप करते हैं। छह महीने बाद तीनों दोस्त शालिनी और पूजा के साथ यादों को फिर से उत्तेजित करने के लिए गोवा जाते हैं। वहां, सिद्धार्थ एक सुंदर लड़की से मिलता है, जो भी गोवा में छुट्टी बिता रही है। वे एक मुस्कराहट साझा करते हैं, जिसका अर्थ यह है कि सिद्धार्थ आखिरकार तारा से आगे बढ़ चुका है।
मुख्य कलाकार
- आमिर ख़ान - आकाश मल्होत्रा
- प्रीति ज़िंटा - शालिनी
- सैफ़ अली ख़ान - समीर मूलचंदानी
- अक्षय खन्ना - सिद्धार्थ "सिड" सिन्हा
- सोनाली कुलकर्णी - पूजा
- डिम्पल कपाड़िया - तारा जैसवाल
- अयूब ख़ान - रोहित
- रजत कपूर - महेश
संगीत
फ़िल्म में संगीत शंकर-एहसान-लॉय ने दिया, और गीत जावेद अख्तर तथा समीर ने लिखे हैं। कुल 9 गीतों वाली फ़िल्म की संगीत एल्बम को टी-सीरीज ने २२ जून २००१ को जारी किया था। यह एल्बम भारत में काफी प्रसिद्ध हुई, और इसे 'बीबीसी एशियन नेटवर्क' ने अपनी 'टॉप 40 साउंडट्रैक्स ऑफ आल टाइम' की सूची में, तथा 'प्लेनेट बॉलीवुड' ने अपनी 100 सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड एल्बमों की सूची में शामिल किया।
सभी शंकर-एहसान-लॉय द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "दिल चाहता है" | शंकर महादेवन, क्लिंटन सेरेजो | 5:11 |
2. | "जाने क्यों" | उदित नारायण, अलका याज्ञनिक | 4:49 |
3. | "वो लड़की है कहाँ" | शान, कविता कृष्णमूर्ति | 5:06 |
4. | "कैसी है ये रुत" | श्रीनिवास | 5:29 |
5. | "कोई कहे कहता रहे" | शंकर महादेवन, शान, केके | 5:46 |
6. | "तनहाई" | सोनू निगम | 6:10 |
7. | "दिल चाहता है 2" | शंकर महादेवन, क्लिंटन सेरेजो | 4:18 |
8. | "रोकिंग गोवा" | सहगान | 2:06 |
नामांकन और पुरस्कार
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - अक्षय खन्ना
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार - सैफ अली खान