दाशरथि
दाशरथि | |
---|---|
पेशा | साहित्यकार |
भाषा | तेलुगू भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विषय | कविता–संग्रह |
उल्लेखनीय कामs | तमिरम् तो समरम् |
दाशरथि कृष्णमाचार्य (22 जुलाई 1925 – 5 नवम्बर 1987) तेलुगू भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह तमिरंतो समरम् (अन्धकार के विरुद्ध युद्ध) के लिये उन्हें सन् 1974 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]
कृतियाँ
- कविता संपुटालु
- अग्निधार
- महांध्रोदयम्
- रुद्रवीण
- अमृताभिषेकम्
- आलोचनालोचनालु
- ध्वजमॆत्तिन प्रज
- कविता पुष्पकम्
- तिमिरंतो समरम्
- नेत्र पर्वम्
- पुनर्नवम्
- गालिब् गीतालु
- नवमि
- नवमंजरि,
- खबड्दार् चैना
- व्यासपीठम्
- बाललगेयालु
- जयदेवकृत गीतगोविंद काव्यम् (व्याख्यान)
- मिन्नेटिपॊंगुलु (हीरालाल् मोरिया की कविता अनुवाद)
- प्रणयसौधं (अनुवादकाव्य)
- यात्रास्म्रति (आत्मकथा)
- ज्वालालेखिनि
सम्मान
- 1967 का आंद्रप्रदेश् साहित्य अकादमी पुरस्कार
- 1974 का भारतीय साहित्य अकादमी पुरस्कार
- आंध्र विश्वविद्यालय का "कळाप्रपूर्ण"
- वॆंकटेश्वर विश्वविद्यालयं "डि. लिट् "
उपाधि (बिरुद)
- कविसिंह
- अभ्युदय कविसाम्राट्
- युवकविचक्रवर्ति
- 'कळाप्रपूर्ण' (आंध्रविश्वविद्यालय द्वारा )
- आंध्रकवितासारधि
- आंध्रप्रदेश् आस्थानकवि (1977 से 1983 तक)
सन्दर्भ
- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.