दाल में काला
दाल में काला | |
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शैली | हास्य |
लेखक | विपुल शाह |
निर्देशक | ज्ञान सहाय |
अभिनीत | नीचे देखें |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 1 |
उत्पादन | |
कार्यकारी निर्माता | कल्लन रिज़्वी |
निर्माता | आशा पारेख |
संपादक | इक़्बाल अहमद |
कैमरा स्थापन | बहु-कैमरा |
प्रसारण अवधि | लगभग 24 मिनट |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | स्टार प्लस |
दाल में काला भारतीय हिन्दी हास्य धारावाहिक है, जिसका प्रसारण स्टार प्लस पर 1998 में शुरू हुआ। इसके निर्माता आशा पारेख और निर्देशक ज्ञान सहाय हैं। इसके लेखन का कार्य विपुल शाह और सम्पादन इक़्बाल अहमद ने किया है।
सारांश
राम सिन्हा, जिसके पास एक ढाबा है। वह औरतों से नफ़रत करता है, इस कारण वह किसी भी औरत को अपने ढाबे में आने नहीं देता और चाहता है कि उसके भाई लखन, भरत और शत्रुघन भी औरतों को उसके ढाबे में आने न दें। लेकिन उसके भाई इसके विपरीत सोच वाले होते हैं। वह राम के वहाँ नहीं होते समय अपनी मर्जी से कई तरह के कार्य करते हैं। जिससे कई बार कई तरह के आपदा भी आ जाती है।
कलाकार
- नवीन निश्चल - राम सिन्हा
- धरमपाल - लखन सिन्हा
- दिलीप जोशी - भरत सिन्हा
- राकेश ठरेजा /रोनाक कोटेचा - शत्रुघन सिन्हा
- शरद संकला - चारदूत यालगाओंकार / चाय
- किशोर भानुशाली - कॉफी
- स्मिता जयकर - किरण
- स्मिता बंसल - जुली
- रेणुका शाहने - राजकुमारी
- शम्मी - मंडोना मौसी
- फरीदा जलाल (विशेष उपस्थिती)
- पैंतल - बहु किरदार