ददरिया गीत नृत्य
बटकी में बासी अउ चुटकी में नून Archived 2022-12-10 at the वेबैक मशीन, एक पईसा के भाजी ला दू पईसा बेचे गोई, गुलगुल भजिया खा-ले, गजब दिन भईगे राजा तोर संग मा नई देखेंव खल्लारी मेला, मन के मन मोहनी मोर दिल के तैं जोगनी Archived 2022-12-10 at the वेबैक मशीन, जैसे अनेक गीतों के मशहूर गायक श्री शेख हुसैन जी आज 9 जून 2012 को हमारे बीच नहीं रहे, अल्लाह से दुआ है उनकी रूह को जन्नत नसीब करे…
रायपुर में सन् 1944 को पिता शेख मोहम्मद और अम्मी झुलपा बी के यहाँ शेख हुसैन जी का जन्म हुआ था। प्रायमरी स्कूल डबरी से उन्होंने चौथी कक्षा तक की पढ़ाई की। उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था, और वो मटका बजा बजा कर गाते थे। शेख हुसैन जी संगम आर्केस्ट्रा के प्रमुख गायक थे। आर्केस्ट्रा में निर्मला इंगले, मदन चौहान, हुकुमचंद शर्मा आदि उनके साथी कलाकार थे
शेख हुसैन एक जिंदादिल इंसान थे। विषम परिस्थितियों, विसंगतियों से भरी जिंदगी जीते हुए भी शेख हुसैन जी के चेहरे पे निश्चल मुस्कान को देखना सहज ही मन मोह लेता था।
❇️ छत्तीसगढ़ी ददरिया गीत लिरिक्स लिस्ट Archived 2022-12-10 at the वेबैक मशीन