त्सुल्त्रिम चोंजोर
त्सुल्त्रिम चोंजोर | |
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जन्म | 1949 लद्दाख |
पेशा | समाज सेवक |
पुरस्कार | पद्म श्री |
त्सुल्ट्रिम चोनजोर, जिन्हें चुल्टिम चोनजोर के नाम से भी जाना जाता है, एक लद्दाख के स्टोंगडे गांव के भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं।[1] भारत सरकार ने उन्हें उनके सामाजिक कार्यों के लिए 2021 में पद्म श्री, चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया। [2] [3]
सामाजिक कार्य
1965 से 2000 तक, उन्होंने भारत सरकार के हस्तशिल्प विभाग में काम किया।[4] क्षेत्र में सड़क संबंध में कमी के कारण उन्होंने 2014 से 2017 तक लद्दाख के करग्याक गांव को हिमाचल प्रदेश के दारचा गांव से जोड़ने वाली 38 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण आरंभ किया।[5] उन्होंने अपनी निधि से 57 लाख रुपये खर्च किए और अपनी पैतृक संपत्ति भी बेच दी। सीमा सड़क संगठन ने उनके प्रयासों की प्रशंसा की, और उन्हें सड़क परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी दी।[6]
संदर्भ
- ↑ "Padma Awards 2021 announced". pib.gov.in. अभिगमन तिथि 2023-09-29.
- ↑ "Padma Shri for linking Zanskar valley with Darcha : The Tribune India". अभिगमन तिथि 30 September 2023.
- ↑ "Padma Awards 2021: Check full List of Padma Vibhushan, Padma Bhushan and Padma Shri winners". Jagranjosh.com. 2021-01-27. अभिगमन तिथि 2023-09-29.
- ↑ "लद्दाख के सुलट्रिम चोंजोर ने संपत्ति बेचकर बना डाली 38 किलोमीटर सड़क, मिला पद्मश्री सम्मान". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2023-09-29.
- ↑ "Social worker Chultim Chonjor awarded Padma Shri". DNA India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-09-29.
- ↑ "Tsultrim Chonjor" (PDF). hcipos.gov.in. पृ॰ 3.