त्रिपुर
त्रिपुर (शाब्दिक अर्थ : तीन नगर) का निर्माण महान असुर वास्तुकार मय ने किया था। ये तीन पुर समृद्धि, शक्ति और सत्ता के केन्द्र थे। इन अपवित्र पुरों को शिव ने नष्ट किया जिससे उन्हें त्रिपुरान्तक कहा जाता है। ये तीन नगर लोहे, चाँदी तथा स्वर्ण से निर्मित थे और क्रमशः स्वर्ग, पृथ्वी एवं पाताल में स्थित थे।