तुर्की का भूगोल
तुर्की का भूगोल | |
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महाद्वीप | यूरोप और एशिया |
अञ्चल | दक्षिणपूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया |
स्थिति | 39°00′N 35°00′E / 39.000°N 35.000°E |
क्षेत्रफल | क्रम {{{क्रम}}} 7,83,562 km² (3,02,535 sq mi) 98% स्थलभाग 2 % जलभाग |
सीमान्त | कुल भूमि सीमाएं: 2648 किमी आर्मेनिया 268 किमी, अज़रबैजान 9 किमी, [बुल्गारिया]] 240 किमी जॉर्जिया 252 किमी, ग्रीस 206 किमी, ईरान 499 किमी, इराक 352 किमी, सीरिया 822 किम |
सर्वोच्च बिन्दु | अरारात पर्वत 5,137 मी. |
सर्वनिम्न बिन्दु | भूमध्य सागर 0 किमी. |
सबसे लम्बी नदी | किज़िल नदी 1,350 किमी. |
सबसे बड़ी झील | वां झील 3,755 कि॰मी2 (4.041848361475×1010 वर्ग फुट) |
तुर्की अनातोलिया (9 5%) और बाल्कन (5%),,[1] बुल्गारिया और जॉर्जिया के बीच काला सागर के किनारे, और ग्रीस और सीरिया के बीच एजियन सागर और भूमध्य सागर के किनारे स्थित है। देश के भौगोलिक निर्देशांक इस प्राकार हैं: 39 डिग्री 00'उत्तर 35 डिग्री 00'पूर्व है।
तुर्की का क्षेत्रफल 783,562 किमी 2 (302,535 वर्ग मील) है;[2] भूमि: 770,760 किमी 2 (2 9 7,592 वर्ग मील), पानी: 9,820 किमी 2 (3,792 वर्ग मील)। तुर्की पश्चिम से पूर्व में 1,600 किमी (994 मील) से अधिक है, लेकिन आम तौर पर उत्तर से दक्षिण में 800 किमी (497 मील) से भी कम है। कुल क्षेत्रफल (लगभग 783,562 किमी 2 (302,535 वर्ग मील) में लगभग 756,816 किमी 2 (2 9 2,208) वर्ग मील) पश्चिमी एशिया (अनातोलिया) में और दक्षिणपूर्वी यूरोप (थ्रेस) में लगभग 23,764 किमी 2 (9,175 वर्ग मील) है।
भूमि सीमाएं
भूमि सीमाएं: 2,627 किमी (1,632 मील) सीमा देश: ग्रीस 206 किमी (128 मील), बुल्गारिया 240 किमी (14 9 मील), जॉर्जिया 252 किमी (157 मील), आर्मेनिया 268 किमी (167 मील), नखचिवान (अज़रबैजान) 9 किमी (6 मील),ईरान 49 9 किमी (310 मील), इराक 331 किमी (206 मील), सीरिया 822 किमी (511 मील)।
तटरेखा: 7,200 किमी (4,474 मील) समुद्री दावा: विशेष आर्थिक क्षेत्र: केवल काला सागर में: समुद्री सीमा के लिए पूर्व यूएसएसआर क्षेत्रीय समुद्र के साथ सहमत: एजियन सागर में 6 एनएमआई (11.1 किमी; 6.9 मील); काला सागर और भूमध्य सागर में 12 एनएमआई (22.2 किमी; 13.8 मील) है। [3]
क्षेत्र
तुर्की को 7 क्षेत्रों में बांटा जाता है। इनकी परिभाषा १९४१ में तुर्की के प्रथम भूगोल सम्मलेन में की गई थी। इन क्षेत्रों का कोई प्रशासनिक महत्व नहीं है लेकिन भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक प्रयोगों में इन्हें इस्तेमाल किया जाता है।[4].[5]
- ईजियाई क्षेत्र (Aegean Region, Ege Bölgesi) - यह ईजियन सागर के साथ लगा हुआ है
- ईजियाई उपक्षेत्र, भीतरी पश्चिमी आनातोलिया उपक्षेत्र
- काला सागर क्षेत्र (Black Sea Region, Karadeniz Bölgesi) - यह कृष्ण सागर (काला सागर) के साथ लगा हुआ है
- पश्चिमी काला सागर उपक्षेत्र, मध्य काला सागर उपक्षेत्र, पूर्वी काला सागर उपक्षेत्र
- मध्य आनातोलिया क्षेत्र (Central Anatolia Region, İç Anadolu Bölgesi)
- कोन्या उपक्षेत्र, ऊपरी सकरया उपक्षेत्र, मध्य किज़िलिरमक उपक्षेत्र, ऊपरी किज़िलिरमक उपक्षेत्र
- पूर्वी आनातोलिया क्षेत्र (Eastern Anatolia Region, Doğu Anadolu Bölgesi)
- ऊपरी फ़ुरात उपक्षेत्र, एरज़ुरुम-कार्स उपक्षेत्र, ऊपरी मुरात-वान उपक्षेत्र, हक्कारी उपक्षेत्र
- मरमरा क्षेत्र (Marmara Region, Marmara Bölgesi)
- यिल्दिज़ उपक्षेत्र, एरगेने उपक्षेत्र, चतल्का- कोकाएली उपक्षेत्र, दक्षिणी मरमरा उपक्षेत्र
- भूमध्य क्षेत्र (Mediterranean Region, Akdeniz Bölgesi) - यह भूमध्य सागर के साथ लगा हुआ है
- अदाना उपक्षेत्र, आन्ताल्या उपक्षेत्र
- दक्षिणपूर्वी आनातोलिया क्षेत्र (Southeastern Anatolia Region, Güneydoğu Anadolu Bölgesi) - इस से फ़ुरात नदी और दजला नदी गुज़रती हैं
- मध्य फ़ुरात उपक्षेत्र, दजला उपक्षेत्र
प्रांत
तुर्की को 81 राज्यों में बांटा गया है। इनको व्यवस्था और ख़ासकर जनगणना में सहुलियत के लिए 7 प्रदेशों में बाँटा गया है। हालांकि इन प्रदेशों का प्रशासनिक तौर पर कोई महत्व नहीं है।
- एजियन क्षेत्र
- अफ्योंकरहिसार
- ऐदिन
- देनिज़ली
- इज़मिर
- कुटहया
- मनिसा
- मुग्ला
- उशाक काला सागर क्षेत्र
- अमास्या
- अर्तविन
- बेबर्त
- कोरुम
- गिरेसुन
- गुमुशाने
- ओर्दु
- रिज़े
- सम्सुन
- सिनोप
- तोकात
- त्राब्जोन
- बार्तिन
- बोलू
- दुज्के
- काराबुक
- कस्तमोनू
- ज़ोंगुलडक मध्य अनातोलियाई क्षेत्र
- अक्साराय
- अंकारा
- शांकिरि
- एस्किसेहर
- कारमान
- कायसेरी
- किरिक्काले
- किरसेहर
- कोन्या
- नवसेहर
- निगडे
- सिवास
- योज़्गत पूर्वी अनातोलिया
- अग्री
- अर्दहान
- बिंगोल
- बितलिस
- एलाज़िग
- एर्ज़िंकान
- एर्ज़ुरम
- हक्कारी
- इग्दीर
- कार्स
- मलात्या
- मुस
- तुन्सेली
- वान मारमरा क्षेत्र
- बालिकेसिर
- बिलेसिक
- बुरसा
- चानकले
- एदिर्ने
- इस्ताम्बुल
- किरक्लालेरी
- कोकाएली
- साकर्या
- तेकिरडाग
- येलोवा भूमध्य सागरीय क्षेत्र
- अदन
- अन्ताल्या
- बुरदुर
- हताय (सीरिया के साथ विवदित)
- इस्पार्टा
- कड़ांमनास
- मर्सिन
- ओस्मानिये
- अदियमान
- बतमान
- दियारबकिर
- गज़ियान्तेप
- किलिस
- मर्दिन
- सनलिउर्फ़
- सीइर्त
- सिरनाक
भोगोलिक क्षेत्र
मारमारा का निचला मैदान
पश्चिम में डारडनेल्ज और पूर्व से बाँसपोरस के जलडमरूमध्य के बीच में स्थित मारमारा समुद्र यूरोप और एशिया के बीच की सीमा निर्धारित करता है। उत्तर की ओर यूरोप में थ्रैस का मैदान तथा दक्षिण की ओर ट्रॉय, वरसा और विथुनिया के मैदान मिलते हैं। वार्षिक वर्ष 120"" के निकट है। गेहूँ, जौ, जई, जैतून, अंगूर तथा तंबाकू उपजाई जाती है। जैतून इस देश के लिये बहुत महत्वपूर्ण वस्तु है। इसका उपयोग मक्खन के अभाव में होता है। इस क्षेत्र में 750 फुट से निचले स्थलों में कृषि मुख्य उद्यम है। खेती करने कराने का ढंग बड़ा पुराना है, भारतीय देशी हल की भाँति के हल का उपयोग होता है, पर लोहे के हल का उपयोग बढ़ता जा रहा है।
इस्तैम्बूल टर्की का सबसे बड़ा नगर है। यह बॉसपोरस जलडमरूमध्य के दक्षिण ओर एक पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ की "गोल्डेन हार्न" नामक लंबी खाड़ी के कारण यह अच्छा बंदरगाह भी हो गया है। जलडमरूमध्य कहीं भी पाँच मील से अधिक चौड़ा नहीं है, कुछ स्थल पर इसकी चौड़ाई आधा मील ही है।
कालासागर का समुद्रतट
यहाँ का समुद्रतट कम समतल है और पर्वतीय भाग दक्षिण की ओर एकाएक ऊपर उठते हैं। अत: यहाँ बंदरगाहों का निर्माण बहुत कम हो पाया है। बस्तियाँ इसी सँकरे भाग तक ही सीमित हैं। वर्षा की अधिकता के कारण जंगली क्षेत्र अधिक हैं, जिनमें चेस्टनट वृक्ष मुख्य हैं। लकड़ी का काम यहाँ का मुख्य उद्यम है। तंबाकू दूसरी निर्यात की वस्तु है। दक्षिण की ओर पॉण्टस का पहाड़ी भाग पूर्व से पश्चिम की ओर फैला हुआ है। इसका अधिकतर भाग जंगली तथा घास का मैदान है। भीतरी भाग में जहाँ की ऊँचाई 3,000 फुट से लेकर 6,000 फुट तक है, अर्धमरुस्थलीय वातावरण मिलता है। यहाँ जनसंख्या भी विरल है। पूर्व की ओर कुछ कोयला क्षेत्र है, जिसका प्रति वर्ष उत्पादन 30 लाख मीट्रिक टन है।
भूमध्यसागरीय तट
टर्की का पूर्वी तथा पश्चिमी निचला मैदान कृषि के विचार से अधिक महत्वपूर्ण है। भूमध्यसागरीय जलवायु होने के कारण यहाँ तीन से लेकर छह महीने तक गर्मी की शुष्क ऋतु होती है और जाड़े में करीब 20"" वर्षा होती हैं। इजीयन सागर के तट पर बस्तियाँ बड़ी घनी हैं। अनेक धँसी हुई घाटियों में मिट्टी का पूर्णत: अथवा आंशिक जमाव हो गया है जिससे खेती के लिए उपजाऊ मैदान निर्मित हो गए हैं। यहाँ के तीन मैदानी भाग अधिक महत्वपूर्ण हैं। प्रथम पश्चिम में इजमिर के पीछे, मध्य में अंटालया के आसपास पंफीलियन का मैदान तथा उत्तर-पूर्व कें काने पर अदागा के पास सिलीसियन का मैदान है। यहीं पर एक बीहड़ दर्रे से होकर बगदाद रेलवे जाती है।
गेहूँ तथा जौ मुख्य फसलें हैं। कपास हर एक मैदानी भाग में होती है, विशेषकर सिलीसियन के मैदान में। इजमिर के आसपास अंगूर, किचामिश, जैतून, अंजीर तथा अफीम अधिक होती है। टॉरस पर्वतमालाएँ जंगलों से ढकी हैं परंतु वृक्ष 8,500 फुट की ऊँचाई तक ही सीमित हैं। पहाड़ों पर बर्फ अधिक पड़ती है।
इसकी ऊँचाई पश्चिम में 2,000 फुट तक और पूर्व में 4,000 फुट तक है। यह 10,000 फुट से भी अधिक ऊँचे टॉरस और पॉण्टस पर्वतमालाओं से घिरा हुआ है। टर्की का भीतरी भाग ऊँचे बेसिन की भाँति है। जहाँ तहाँ ऊँचे पहाड़ भी मिलते हैं। अधिकांश भाग का जलप्रवाह भीतर की ओर है और नदियाँ या तो झीलों में गिरती हैं अथवा नमकीन निचले दलदलों में लुप्त हो जाती हैं। परंतु कुछ नदियाँ पर्वतों को काटती और गुफाएँ निर्मित करती हुई बहती हैं। चारों तरु ऊँचे पर्वतों से घिरे रहने के कारण यह भाग जाड़े तथा गर्मी दोनों मौसमों में भापभरी हवाओं से साधारणतया वंचित रहने के कारण शुष्क रहता है, वार्षिक वर्ष का औसत लगभग 10"" है। जाड़े में भूमि कभी कभी बर्फ से ढक जाती है। गर्मी में गरम तथा तेज हवाएँ चलती हैं। अत: शुष्क प्रदेशों में मिट्टी हट गई है ओर मरुस्थलीय कंकड़ों का उभार हो गया है। इस अर्धशुष्क घास के मैदानों में भेड़ बकरियाँ पाली जाती हैं। दूध दही का समावेश यहाँ के भोजन में अधिक होता है। ऊन तथा ऊनी कंबल तैयार करना मुख्य पेशा है। अंगोरा से उनका निर्यात होता है। गर्मी के दिनों में गड़ेरिए अपने जानवरों के साथ पहाड़ों पर चले जाते हैं और अन्य मौसम में मैदानी भाग में उतर आते हैं। जहाँ सिंचाई के साधन उपलब्ध हैं वहाँ गेहूँ की खेती होती है। इस पठार में तूर्की की एक तिहाई जनसंख्या रहती है। ऐनाटोलिया का यह पठारी भाग तुर्की का मुख्य स्थान है। तूर्की की राजधानी अंकारा इसी भाग में स्थित है।
आरमीनिया का पहाड़ी भाग
टर्की के पूर्व में पॉण्टस तथा टॉरस पर्वतश्रेणियाँ मिलकर आरमीनिया के पहाड़ी भाग का निर्माण करती हैं। यहीं से दजला और फरात नदियाँ निकलती हैं। उत्तर और दक्षिण की ओर से पहाड़ी श्रेणियाँ मध्य के पठार को घेरती हैं। दक्षिण की ओर टॉरस की क्षेणी कुर्दिस्तान तथा उत्तर की ओर पॉण्टस की श्रेणी कारावाग, इस भाग को घेरे हुए हैं। ज्वालामुखी पर्वत तथा लाबा के विस्तार से धरातल और भी ऊँचा नीचा हो गया है। ऊँचाई के कारण यह भाग अधिक ठंडा रहता है और बहुत से दरें वर्ष में करीब आठ महीने तक बर्फ से ढके रहते हैं। पूर्व की ओर अरादार ज्वालामुखी पर्वत (19,916 फुट) टर्की, ईरान और रूस की सीमा पर स्थित है। कृषि की अपेक्षा चरागाही इस क्षेत्र में अधिक महत्वपूर्ण है।
भूमि उपयोग
भूमि उपयोग:
कृषि योग्य भूमि: 35.00%
स्थायी फसलें: 4.00
अन्य: 61.00(2011)
सिचाई भूमि: 53,400 किलोमीटर² (2012)
कुल नवीकरणीय जल संसाधन: 211.6 किलोमीटर2 (2012)
ऊंचाई चरम सीमाएं:
निचला बिंदु: भूमध्य सागर 0 मी.
उच्चतम बिंदु:अरारात पर्वत 5,166 मी.
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 8 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मई 2018.
- ↑ "UN Demographic Yearbook, accessed April 16, 2007" (PDF). मूल से 31 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 1 मई 2018.
- ↑ "तुर्की का भूगोल". मूल से 1 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अप्रैल 2018.
- ↑ Ali Yiğit, "Geçmişten Günümüze Türkiye'yi Bölgelere Ayıran Çalışmalar ve Yapılması Gerekenler", Ankara Üniversitesi Türkiye Coğrafyası Araştırma ve Uygulama Merkezi, IV. Ulural Coğrafya Sempozyumu, "Avrupa Birliği Sürecindeki Türkiye'de Bölgesel Farklılıklar", pp. 34-35. Archived 2012-03-31 at the वेबैक मशीन
- ↑ "The principle of decentralization in the new constitution". Hurriyet Daily News. 24 September 2010. मूल से 19 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अप्रैल 2018.