तिर्यक आक्रमण
तिर्यक आक्रमण (तिरछा आक्रमण / oblique order) एक सैन्य युक्ति (tactic) है जिसमें आक्रमणकारी सेनानायक किसी चुने हुए स्थान पर अपनी अधिकांश शक्ति झोंक देता है और शेष शक्ति को शेष स्थानों पर लगाता ताकि शत्रुसेना को रोका जा सके। ऐसा करके कमजोर या समान शक्ति वाला सेनानायक (भी) एक या कुछ स्थानों पर शत्रु सेना पर भारी पड़ जाता है। इसके बाद सेनानायक शत्रु को पूर्णतः पराजित करने का प्रयत्न करता है। इस विधि की मान्यता है कि अपनी शक्ति को केन्रित करके ही सफलता प्राप्त की जा सकती है, शक्ति को सब जगह समान रूप से बांटने से आप कमजोर बने रहते हैं।
प्रशा के फ्रेड्रिक द्वितीय की सेना, आक्रमण की इस युक्ति का प्रयोग करने के लिये प्रसिद्ध थी।