तम्बौर अहमदाबाद
तम्बौर अहमदाबाद Tambaur Ahmadabad | |
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तम्बौर अहमदाबाद उत्तर प्रदेश में स्थिति | |
निर्देशांक: 27°44′N 81°10′E / 27.73°N 81.16°Eनिर्देशांक: 27°44′N 81°10′E / 27.73°N 81.16°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | सीतापुर ज़िला |
तहसील | लहरपुर |
ऊँचाई | 134 मी (440 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 26,052 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 261208 |
दूरभाष कोड | 05862 |
वाहन पंजीकरण | यूपी - 34 |
तम्बौर अहमदाबाद (Tambaur Ahmadabad) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]
जनसांख्यिकी
तम्बौर-कम-अहम्दाबाद नगर पंचायत की जनसंख्या 26,052 है, जिसमें 13,641 पुरुष हैं, जबकि 12,411 महिलाएं हैं, जो कि भारतीय जनगणना 2011 की रिपोर्ट के अनुसार हैं। 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों की जनसंख्या 5077 है, जो शहर की कुल जनसंख्या का 19.49% है। महिला लिंग अनुपात 912 के राज्य औसत के मुकाबले 910 है। तम्बौर-सह-अहमदाबाद की साक्षरता दर राज्य (उत्तर प्रदेश) के 67.68% के औसत से 51.52% कम है। पुरुष साक्षरता लगभग 57.20% है जबकि महिला साक्षरता दर 45.18% है। [3]
भूगोल
यह शहर शारदा नदी के पश्चिम में केवल दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो मल्लपुर गांव के पास दक्षिण में दो किलोमीटर आगे घाघरा नदी से मिलती है। शहर में और उसके आसपास स्थलाकृति समतल है। इस स्थान की जलवायु मध्य गंगा के मैदान के समान है। यह स्थान मुख्य रूप से वर्ष में चार मौसमों का अनुभव करता है; शीतकालीन (नवंबर - जनवरी ), वसंत (फरवरी - मार्च), ग्रीष्म (अप्रैल - जून ) और मानसून या बरसात का मौसम (जुलाई से सितंबर)। तम्बौर अहमदाबाद से लहरपुर 28 किलोमीटर और जिले का हेडक्वार्टर सीतापुर 59 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। तम्बौर से दक्षिण में 22 किलोमीटर पर रेउसा 54 किलोमीटर महमूदाबाद और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ 109 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।[4]
इतिहास
यह शहर तम्बोली बिरादरी के(पान बेचने वालो) द्वारा 800-900 साल पहले स्थापित किया गया था। 11 वीं शताब्दी की शुरुआत में सैयद सालार मसूद ग़ाज़ी के आगमन के दौरान भी यह स्थान एक छोटे से गाँव के रूप में मौजूद था। छापे के दौरान, उनके वफादार सैनिकों में से एक, बुरहान-उद-दीन , इस गांव के पास शहीद हो गया था। उन्होंने उसके लिए एक मकबरे या दरगाह का निर्माण कराया जो आज भी मौजूद है। कन्नौज के राजा जय चंद के दिनों में, एक चंदेल सरदार, आल्हा, को भूमि दी गई थी, जो बाद में तम्बौर परगना में तंबूरा के साथ मुख्य महानगर के रूप में बनाई गई थी। आल्हा ने इस शहर को अपने एक लेफ्टिनेंट रानुआ पासी को दे दिया, जिसने इसमें एक किला बनाया था। इसके तुरंत बाद, दिल्ली के राजा पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ जय चंद के बैनर तले लड़ाई में, दोनों मास्टर और आदमी मारे गए। पासी के वंशज अभी भी 330 वर्षों तक कब्जे में रहे, जब तक कि दिल्ली के मुगल बादशाह अकबर द्वारा तिरस्कृत नहीं किया गया।
तम्बौर सेनानी इतिहास
तम्बौर के परगना अहमदाबाद मे एक तालुकेदार परिवार में शेख बंदे हसन का जन्म हुआ था। वर्तमान में यह स्थान नगर पंचायत के इंद्रानगर व नारायण टोला में आता है। अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई शुरू हुई तो इंग्लैंड में बैरिस्टर की पढ़ाई कर रहे बंदे हसन घर वापस आ गए। इसके बाद 27 मई 1857 को प्रथम चरण में ही अंग्रेजी शासन के विरुद्ध लोहा लेने के लिए जंग के मैदान मे उतर पड़े। मेरठ और दिल्ली की ही तर्ज पर लखनऊ और सीतापुर के क्रांतिकारी जंग के मैदान मे मजबूती के साथ खड़े हुए। शेख बंदे हसन और चहलारी से ठाकुर बलभद्र सिंह ने अंग्रेजों के विरुद्ध मोर्चा संभाला।
12 अक्टूबर को हुई थी फांसी :
तीन जून 1857 को कर्नल बिच, लेफ्टिनेंट ग्रेब्स, लेफ्टिनेंट स्मेली के कत्ल, रेजीडेंसी पर हमला, नाज़िम हरिप्रसाद के साथ बिसवां में अंग्रेजों को जीना दुश्वार कर दिया। अंग्रेजों के सामने प्रबल विद्रोही के कारण उनको अंग्रेजी हुकूमत ने 12 अक्टूबर 1859 को कैसरबाग कोतवाली मे फांसी दे दी। क्रांतिकारियों में भय व्याप्त करने के लिए शेख बंदे हसन का सिर लाकर तम्बौर की पुलिस कोतवाली के बाहर बरगद के पेड़ मे 15 दिनों तक के लिए लटकाए रखा। शहीद बंदे हसन साहब का जिक्र कई पुस्तकों मे मिलता है, जिनमें फ्रीडम स्ट्रगल इन यूपी, यूपी डिस्टिक गजेटियर्स सीतापुर, सीतापुर जनपद विकास पुस्तिका, गदर के फूल, फक्र ए वतन व गांजर स्मृतिका आदि हैं।
शिक्षा
कस्बा तम्बौर में बहुत से स्कूल मदरसा और कालेज मौजूद हैं। जिसमें कुछ कालेजों के नाम निचे दिये गये हैं। जो इस प्रकार हैं।
- डॉ राम मनोहर लोहिया इण्टर कॉलेज
- मुस्लिम इंटर कॉलेज
- सरदार वल्लभ भाई पटेल इंटर कॉलेज
- केपीजी इंटर कॉलेज
- गांजर इण्टर कॉलेज
तम्बौर कस्बे में अनेक मन्दिर एवं मस्जिद हैं जहां सरदार पटेल इण्टर कॉलेज के सामने मां भगवती का मंदिर तथा तम्बौर काशीपुर रोड पर मां महाकाली का मन्दिर भी है, साथ ही साथ तम्बौर कस्बे में मुख्य बाजार सहित कई अन्य जगह मस्जिद भी हैं, मुख्यतः यहां हिन्दू एवं मुस्लिम धर्म रहते हैं
चिकित्सालय
तम्बौर कस्बे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राइवेट बस स्टैंड के पास ही है
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
- ↑ "तम्बौर कस्बे की पूरी जानकारी यहां देखें". MapsofIndia.com. मूल से पुरालेखित 23 अक्तूबर 2017. अभिगमन तिथि 14 जून 2020.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
- ↑ https://m.livehindustan.com/search/%E0%A4%A4%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AC%E0%A5%8C%E0%A4%B0/1[मृत कड़ियाँ]