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तकनीकी ऋण

तकनीकी ऋण (Technical debt) सॉफ्टवेयर के विकास से सम्बन्धित एक अवधारणा है जिसके अनुसार तकनीकी रूप से एक आसान और सीमित हल चुनना एक ऋण के समान है जिसे बाद में चुकता करना पड़ता है, और यदि चुकता नहीं किया गया तो यह सामान्य ऋण बढ़ता जाता है। त्कनीकी ऋन को 'डिजाइन ऋण' और 'कोड ऋण' भी कहते हैं। कारण यह है कि आसान/सीमित हल लागू करने के बाद उसके दुष्परिणामों के कारण आपको आर्थिक हानि उठानी पड़ती है अर्थत उसे सुधारने के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है।