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तंपन

तंपन एप्लीकेटर के साथ
शरीर मे तंपन की स्थिति.

तंपन या टॅम्पोन एक रूई (कपास) या रूई जैसी किसी अन्य सोख्ता (प्रचूषक) सामग्री से बनी एक बेलनाकार डाट (प्लग) होती जिसके निचले सिरे पर एक डोरी जुडी़ रहती है और इसे शारीरिक द्रवों को अवशोषित करने के उद्देश्य से किसी शरीरिक गुहा या घाव में प्रविष्ट कराया जाता है। दैनिक उपयोग में आमतौर पर इसका सबसे सामान्य प्रकार माहवारी (मासिक धर्म) के दौरान रक्तस्राव को अवशोषित करने के लिए योनि में डाला जाने वाला एक प्रयोज्य (डिस्पोजेबल) डाट है।

आकार

तंपन विभिन्न आकारों में आते हैं और यह उनके अवशोषण मूल्यन और पैकेजिंग पर आधारित होता है। सभी ब्रांडों के तंपन उपर से तो एक जैसे दिखते हैँ पर इस्तेमाल करने पर इनमे अंतर स्पष्ट हो जाता है। तंपन जब स्राव सोखने पर फूलते हैं तो कुछ लम्बाई मे तो वहीं कुछ चौड़ाई मे विस्तारित (बढ़ते) होते हैं। सभी तंपनों को निकालने के लिए इनसे एक डोरी जुडी़ होती है, तो वहीं कुछ मे एक अतिरिक्त बाहरी आवरण होता है जो प्रविष्टि और निकासी मे सहायता प्रदान करता है।

अवशोषण मूल्यन

तंपन का मूल्यन इनकी सोखने की क्षमता के आधार पर किया जाता है जिसे अवशोषण मूल्यन कहते हैं। कुछ तंपन अधिक तो कुछ कम स्राव सोखने मे सक्षम होते हैं।

लाभ

चूँकि तंपन मासिक धर्म के दौरान योनि के भीतर पहने जाते हैं, इसलिए यह महिलाओं को कुछ भी करने की अनुमति और स्वतंत्रता प्रदान करते हैं, यहां तक कि तैराकी जैसी गतिविधियों मे भी यह रुकावट नहीं बनते हैं। आमतौर पर मूत्र या मल त्याग करने से पहले तंपन को निकालना आवश्यक नहीं होता, हालाँकि इसकी लटकती डोरी जरूर कुछ परेशानी पेश करती है और उसे मूत्र या मल त्याग करते समय उपर को खींच कर रखना पड़ता है ताकि यह गीली या गंदी ना हो जाये। सेनेटरी नैपकिन के विपरीत, तंपन उपयोग करते समय मासिक धर्म का रक्त, हवा के संपर्क मे नहीं आता इसलिए दुर्गंध भी बहुत कम होती है, साथ ही यह कभी भी पता नहीं लगता कि अमुक महिला ने तंपन पहना हुआ है।