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टोन्स नदी

मध्य प्रदेश में टोंस नामक नदी के लिए तमसा नदी का लेख देखें
टोन्स नदी
Tons River


लण्ढोर से पश्चिमोत्तर में टोन्स नदी

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टोन्स नदी is located in उत्तराखंड
टोन्स नदी
नदी के मुहाने का स्थान
स्थान
राज्यउत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश
भौतिक लक्षण
नदीशीर्षबन्दरपूँछ
 • स्थानउत्तरकाशी ज़िला, उत्तराखण्ड
नदीमुखयमुना नदी
 • स्थान
उत्तराखण्डहिमाचल प्रदेश सीमा
 • निर्देशांक
30°30′50″N 77°49′12″E / 30.514°N 77.820°E / 30.514; 77.820निर्देशांक: 30°30′50″N 77°49′12″E / 30.514°N 77.820°E / 30.514; 77.820
जलसम्भर लक्षण

टोंस नदी भारत के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है। यह [[ गंगा नदी की [[उपनदी|सहायक नदी हैTons Archived 13 मई 2008 at the वेबैक मशीन</ref>[1] टोंस नदी उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश में बहने वाली एक नदी है जो गंगा की एक उपनदी (सहायक नदी) है

विवरण

टोन्स उत्तराखण्ड के गढ़वाल मण्डल के उत्तरकाशी ज़िले के बंदरपूंछ पर्वत के उत्तरी डाल पर स्वर्गारोहिनी ग्लेशियर से निकलने वाली सूपिन नदी तथा हिमाचल के डोगरा क्वार से निकलने वाली रूपी नदी के मिलने से बनती है जो कुछ दूरी तक तमसा के नाम से जानी जाती है उत्तराखंड और हिमाचल के बीच 148 किलोमीटर तक का बॉर्डर बहते हुए बॉर्डर बनाने वाली टोंस नदी कालसी में यमुना नदी में मिल जाती है धातव्य है 257 ई.पूर्व का मौर्य सम्राट अशोक का शिलालेख इसी कालसी में स्थित है जोकि यमुना और अमलावा नदियों के संगम पर स्थित है और तथा कालसी में यमुना नदी में मिलती है। त्यूणी में इस नदी का संगम पब्बर नदी से होता है जो कि हिमाचल के रोहड़ू से होते हुए त्यूणी में आकर टोंस में मिल जाती है मोरी से त्यूनी तक टोंस नदी में राफ्टिंग होती है। टोंस नदी के किनारे ऐसे कई गांव हैं जहां अभी भी उत्तराखंड की लोक संस्कृति अपने मूल रूप में बची हुई है। गोरछा एक ऐसा ही गांव है।[2] टोंस एवं यमुना नदियों के बीच का संपूर्ण क्षेत्र महाभारत की किंवदन्तियों से जुड़ा है।[3]

हर की दून घाटी से निकलने वाली तमसा

यह उत्तराखंड राज्य की एक छोटी सी नदी है जो हर की दून घाटी से निकलकर देहरादून से 56 किलोमीटर दूर कालसी नामक स्थान पर यमुना नदी में मिल जाती है।[4]

दूसरी धारा

तमसा नदी का उद्गम-दृश्य

हिमालय से निकलने वाली तमसा नदी का वास्तविक उद्गम बन्दरपूँछ नामक स्थान में है। शिवालिक की पहाड़ियों से निकलने वाली इस नदी की दूसरी धारा का मुहाना उत्तराखंड के देहरादून में खुलता है। दृश्य रूप में नदी की यह धारा वस्तुतः देहरादून के गुच्छूपानी नाम से प्रसिद्ध स्थान से निकलती है। गुच्छूपानी वस्तुतः तमसा नदी का ही उद्गम स्थल है। यहाँ स्थित लगभग 600 मीटर लंबी गुफा डाकू की गुफा (रॉबर्स केव) के नाम से प्रसिद्ध है। यह गुफा वस्तुतः दो पहाड़ियों के बीच की एक संकीर्ण गुफा है, जिसकी चौड़ाई कहीं तो 10-12 फीट और कहीं 3-4 फिट भी हो जाती है। इसी के बीच से निकलते हुए पानी में उतरकर अत्यंत रमणीय दृश्यावली का अवलोकन करते हुए करीब 600 मीटर की दूरी तय करने के बाद तमसा नदी का उद्गम स्थल देखना अत्यंत आकर्षक तथा संतोष दायक सिद्ध होता है। पहाड़ी के ऊपर से आता हुआ पानी तीन छिद्रों के माध्यम से गुफा में गिरता है और नदी का रूप ले लेता है। इनमें से एक छिद्र बड़ा है और दो छिद्र छोटे हैं। यहीं से निकलकर बहता हुआ यह पानी तमसा नदी का नाम धारण कर लेता है। यहाँ से दक्षिण की ओर कुछ किलोमीटर जाने पर इसी के किनारे देहरादून का दूसरा रमणीय दर्शनीय स्थल टपकेश्वर महादेव-मन्दिर भी है, जहाँ इस नदी के किनारे वाल्मीकि ऋषि का आश्रम होने की याद में वाल्मीकि ऋषि की प्रतिमा भी बनी हुई है।

परिवर्तित नाम 'आसन'

तमसा यमुना की सहायक नदी है और देहरादून से 56 किलोमीटर दूर कालसी में यमुना से मिलने से पहले दोनों धाराओं के मिले हुए रूप का नाम आसन नदी हो जाता है। कालसी के पास इस नदी पर बैराज भी बन गया है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Jain, Sharad K.; Pushpendra K. Agarwal; Vijay P. Singh (2007). Hydrology and water resources of India- Volume 57 of Water science and technology library - Yamuna River. Springer. पपृ॰ 344–354. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4020-5179-1.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 जून 2008.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 जून 2008.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 मार्च 2018.