जॉन थॉम्पसन प्लैट्स
जॉन थॉम्पसन प्लैट्स (John Thompson Platts)(1830-1904), एक ब्रिटिश भाषाविद् थे। उनके द्वारा फ़ारसी और हिंदी व्याकरण पर अभूतपूर्व काम किया गया जो आज भी उपयोग में आता है ।
जीवनी
प्लैट्स का जन्म भारत में कलकत्ता में 1 अगस्त 1830 को हुआ था । उनके पिता रॉबर्ट प्लैट्स थे, जिनकी युवावस्था में ही मृत्यु हो गई। वह अपने पीछे अपनी विधवा और एक बड़े परिवार को कठिन परिस्थितियों में छोड़ गए थे । इंग्लैंड के बेडफोर्ड स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने के बाद, प्लैट्स भारत लौट आए और उन्होंने 1858 और 1859 के बीच बनारस कॉलेज में गणित के अध्यापक और मध्य प्रांत(Central Province) में सागर स्कूल के प्रभारी के रूप में काम किया। 1861 में उन्हें बनारस कॉलेज में गणित का प्रोफेसर और प्रधानाध्यापक नियुक्त किया गया। 1864 में प्लैट्स को उत्तर-पश्चिमी प्रांत(Northwest Provinces) के द्वितीय सर्किल में स्थित विद्यालयों का सहायक निरीक्षक नियुक्त किया गया । 1868 में वे मध्य प्रांत(Central Provinces) के उत्तरी सर्कल में स्थित विद्यालयों के कार्यवाहक निरीक्षक के रूप में नियुक्त हुए। मार्च 1872 में अस्वस्थता के कारण वह सेवानिवृत्त हो गए ।
सेवानिवृत्ति के पश्चात वह इंग्लैंड लौट आए और ईलिंग में बस गए । हिंदी और फारसी पर अच्छा अधिकार होने के कारण उन्होंने इन भाषाओं के अध्यापक के रूप में कार्य प्रारंभ कर दिया । जून 1880 में उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में फारसी भाषा के शिक्षक के में रूप चुना गया। उन्होंने फरवरी 1881 में ऑक्सफ़ोर्ड के बैलिओल कॉलेज से मैट्रिक किया और जून 1881 में मास्टर ऑफ़ आर्ट्स ऑनरिस कॉज़ा(honoris causa) की उपाधि प्राप्त की । मार्च 1901 में, उन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट्स की उपाधि प्राप्त की। 21 सितंबर 1904 को लंदन में उनकी अचानक मृत्यु हो गई । उन्हें ऑक्सफोर्ड के पास वूल्वरकोट कब्रिस्तान में दफनाया गया।
कृतियाँ
- अ ग्रामर ऑफ़ द हिन्दुस्तानी लैंग्वेज (A Grammar of the Hindustani Language )(1874}.
- अहिन्दुस्तानी–इंग्लिश डिक्शनरी (A Hindustani-English Dictionary ) (1881).
- अ डिक्शनरी ऑफ़ उर्दू, क्लासिकल हिन्दी एण्ड इंग्लिश(A Dictionary of Urdu, Classical Hindi, and English)(1884)
- अ ग्रामर ऑफ़ द पर्शियन लैंग्वेज, भाग I : एक्सीडेंस(A Grammar of the Persian Language, Part I: Accidence) (1894).