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जयप्रकाश कर्दम

डॉ जयप्रकाश कर्दम (जन्म 05 जुलाई, 1958) एक हिन्दी साहित्यकार हैं।

वह दलित साहित्य से जुड़े हैं। कविता, कहानी और उपन्यास लिखने के अलावा दलित समाज की वस्तुगत सच्चाइयों को सामने लानेवाली अनेक निबंध व शोध पुस्तकों की रचना व संपादन भी उन्होंने किया है।[1]

जयप्रकाश कर्दम जी का जन्म 5 जुलाई 1958 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदरगढ़ी में हुआ। उन्होंने हिन्दी साहित्य में पीएचडी की है।

कृतियाँ

डॉ जयप्रकाश कर्दम की 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। उन्होंने कविताएं, कहानियां, लेख, उपन्यास, आलोचना, बाल साहित्य और खंड काव्य (राहुल) लिखे हैं। उनका पहला उपन्यास 'छप्पर' हिन्दी दलित साहित्य का भी पहला उपन्यास माना जाता है। उन्हों ‘द चमार’ का हिन्दी में अनुवाद किया। हिन्दी दलित साहित्य वार्षिकी का आप वर्षों से संपादन कर रहे हैं। विद्यालयों-म्हाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में उनकी रचनाएं पढ़ाई जा रही हैं। छात्र-छात्राएं उन पर पीएचडी कर रहे हैं।

उनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-

‘गूँगा नहीं था मैं’, ‘तिनका-तिनका आग’, ‘बस्तियों से बाहर’, 'दुनिया के बाजार में, 'लाशों के शहर में', 'ज़िंदा रहने की ज़िद', 'विषाक्त हवाओं के बीच', 'बेवजह नहीं कुछ भी' (सभी कविता संग्रह), 'कविता में आदमी' (प्रतिनिधि कविताएँ), ‘राहुल’ (खंडकाव्य); ‘करुणा’, ‘छप्पर', 'उत्कोच्' (उपन्यास); ‘तलाश’, ‘खरोंच’, 'उधार की ज़िंदगी' (सभी कहानी-संग्रह); ‘जर्मनी में दलित साहित्य : अनुभव और स्मृतियाँ’ (यात्रा-संस्मरण); ‘मेरे संवाद’ (साक्षात्कार); ‘श्रीलाल शुक्ल कृत 'राग दरबारी' का समाजशास्त्रीय अध्ययन’, ‘इक्कीसवीं सदी में दलित आन्दोलन : साहित्य एवं समाज चिन्‍तन’, ‘दलित विमर्श : साहित्य के आईने में’, ‘वर्तमान दलित आन्दोलन : दशा और दिशा’, ‘हिन्दुत्व और दलित : कुछ प्रश्न कुछ विचार’, ‘डॉ. अम्बेडकर, दलित और बौद्धधर्म’, ‘समाज, संस्कृति और दलित’, ‘दलित साहित्य : सामाजिक बदलाव की पटकथा’, ‘दलित कविता : समकालीन परिदृश्य’, दलित साहित्य: समकालीन परिदृश्य', 'हिन्दी: भाषा, संस्कृति और राष्ट्रीयता', 'प्रतिरोधी साहित्य और संस्कृति: युगीन संदर्भ', 'तीसरी आँख', 'डॉ अंबेडकर और आधुनिक भारत', 'दलित और बहुजन साहित्य: विमर्श के आयाम', 'दिवंगत दलित साहित्यकार', 'लोक साहित्य में दलित संस्कृति' (आलोचना और वैचारिक पुस्तकें), 'विचारों के क्षितिज' (सूक्ति एवं विचार), ‘चमार’ (ब्रिटिश लेखक जी.डब्ल्यू. ब्रिग्स द्वारा लिखित पुस्तक 'दि चमार्स' का हिन्दी में अनुवाद); 'शमशान का रहस्य',‘मानवता के दूत’, ‘डॉ. अम्बेडकर की कहानी’, ‘बुद्ध की शरणागत नारियाँ’, ‘बुद्ध और उनके प्रिय शिष्य’, ‘महान बौद्ध बालक’, ‘आदिवासी देवकथा—लिंगो’, ‘हमारे वैज्ञानिक : सी.वी. रमन’ (बाल-साहित्य)।

संपादित पुस्तकें: 'जाति: एक विमर्श', 'धर्मांतरण और दलित' तथा 'व्यक्ति, विचारक और सृजक: ओमप्रकाश वाल्मीकि'।

पुरस्कार/सम्मान

सन्दर्भ

  1. "जयप्रकाश कर्दम / परिचय". मूल से 9 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर 2016.

बाहरी कडियाँ