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जनता गैराज

जनता गैराज 2016 में बनी भारतीय तेलुगू फिल्म है।

चलचित्र कथावस्तु

कहानी

सत्यम (मोहनलाल) अपने गाँव में एक छोटे से गैराज का मालिक है। उसका भाई शिवा (रहमान) उसके लिए हैदराबाद में "जनता गैराज" नाम से एक गैराज खोल देता है, और इसके बाद दोनों भाई वहीं गैराज में काम करना शुरू कर देते हैं। वे लोग हंसी-खुशी जीवन बिताते रहते हैं कि एक दिन उनके गैराज में एक गरीब व्यक्ति आता है, जो अपनी कॉलेज जाने वाली बेटी को एक सड़क हादसे में खो चुका है। सत्यम और उसके दोस्तों को पता चलता है कि कुछ गुंडों ने उस लड़की का बलात्कार कर मार डाला था। वे लोग इसके बाद शिवा के दोस्त डीसीपी चन्द्रशेखर के पास मदद के लिए जाते हैं, पर वो बोलता है कि बिना कोई सबूत के वो कुछ नहीं कर पाएगा। इसके बाद जनता गैरात में काम करने वाले सभी लोग सत्यम के साथ मिल कर उन गुंडों को मारने का फैसला करते हैं। वे लोग उन गुंडों को मार कर उसे हादसा जैसा दिखाने की कोशिश करते हैं। डीसीपी को ये सारी बात पता होती है, पर वो इसके कारण आगे आने वाले खतरे को लेकर चिंतित रहता है।

इस घटना के बाद जनता गैराज स्थानीय लोगों में काफी लोकप्रिय हो जाता है। शिवा की शादी मुंबई में रहने वाले सुरेश की बहन से हो जाती है और उनका एक बेटा, आनन्द भी होता है। एक दिन मुकेश (सचिन खेडेकर) एक अमीर और शक्तिशाली व्यापारी के खिलाफ एक मामला सत्यम के पास आता है, और उसके भाई को वो मार देता है। इसके कुछ दिन बाद शिवा और उसकी पत्नी को मुकेश के गुंडे मार देते हैं। सत्यम उनके बच्चे की सुरक्षा हेतु उसे जनता गैराज से दूर, उसके मामा के पास भेज देता है।

कुछ सालों के बाद आनन्द (जूनियर एनटीआर) अब पर्यावरण बचाने के काम में लगा हुआ है। इसी कारण उसकी लड़ाई मुंबई के एक एमएलए से हो जाती है और उसका मामा, सुरेश उसे एमएलए के डर से हैदराबाद के यूनिवर्सिटी में पढ़ने भेज देता है। वहीं सत्यम के साथ एक हादसे में काफी चोट पहुँचती है, जिससे वो अब जनता गैराज को चला नहीं पाता है। उसके बेटे को भी जनता गैराज चलाने में कोई रुचि नहीं होती है, और वो बिना अपने माता-पिता के मर्जी के मुकेश की बेटी से शादी कर लेता है और उसके गैर-कानूनी काम में हाथ बंटाते रहता है। उसके एक काम से पर्यावरण को काफी नुकसान होते रहता है, जिस कारण आनन्द उससे मिल कर पर्यावरण को बचाने के बारे में बात करता है, और बाद में उन दोनों की लड़ाई हो जाती है, और अंत में आनन्द उसे और उसके गुंडों की अच्छी धुलाई कर देता है।

सत्यम को जब ये बात पता चलती है तो वो आनंद से मिलने की इच्छा जताता है, और आनंद उससे मिलने आता है। एक दूसरे से मिलने के बाद उन दोनों एक दूसरे को सम्मान के दृष्टि से देखने लगते हैं। इसके बाद सत्यम उसे ही जनता गैराज संभालने हेतु कहता है। वो भी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है और जनता गैराज का काम फिर शुरू हो जाता है। आनन्द के मामा, मामी और उनकी बेटी जब वहाँ आते हैं, तो सत्यम ये जान कर हैरान रह जाता है कि आनन्द उसके छोटे भाई का बेटा है। आनन्द का मामा उसे फैसला करने बोलता है कि या तो वो जनता गैराज को चुन कर गुंडा-गर्दी करे या उसकी बेटी को चुन कर एक अच्छा रास्ता चुन ले। पर वो जनता गैराज को चुनता है। इसके बाद उसका मामा अपनी बेटी की शादी कहीं और कर देता है।

मुकेश और राघव हैदराबाद में एक बम विस्फोट करने का प्लान बनाते हैं। इसी बम विस्फोट में सत्यम के एक करीबी दोस्त का कोई व्यक्ति भी मर जाता है। अगले दिन उसके दोस्त की लाश रेलवे पटरी में मिलती है। आनन्द को पता चलता है कि उसकी हत्या की असली वजह राघव है। इसके अलावा उसे ये भी पता चलता है कि उसका और मुकेश का बम विस्फोट में हाथ था। वो मुकेश को मार देता है और राघव को मारना है या नहीं, उसका फैसला उसके पिता, सत्यम पर छोड़ देता है। सत्यम उसे बिना कोई दया दिखाये मार देता है।

कलाकार

मोहनलाल को सत्यम के रूप में आनंद के रूप में जूनियर एनटीआर बुआजी के रूप में सामंथा रुथ प्रभु अनु के रूप में निथ्या मेनन मुकेश नाथ के रूप में सचिन खेडेकर उन्नी मुकुंदन , राघव सत्यम, सत्यम के पुत्र के रूप में पद्मा सत्यम, सत्यम की पत्नी के रूप में देवयानी सुरेश , बज्जी के पिता सुरेश के रूप में अनुकुमार के पिता के रूप में साईकुमार पुलिस कमिश्नर के रहमान शिव के रूप में, सत्यम के छोटे भाई और आनंद के दिवंगत पिता (कैमियो उपस्थिति) सीता सुरेश की पत्नी के रूप में अजय बोस के रूप में ब्रह्माजी शंकर के रूप में मुख्यमंत्री के रूप में विजयकुमार एक सरकारी कर्मचारी, विकास के रूप में राजीव कनकला आशीष विद्यार्थी राघव के बिजनेस पार्टनर के रूप में अनु की मां के रूप में अनीता चौधरी सत्यम की चचेरी बहन के रूप में विदिशा रिया के रूप में, राघव की पत्नी और मुकेश की बेटी बैनर्जी सैदुलु के रूप में सतपाल सिंह के रूप में जॉन कोकेन सीना के रूप में आथमा अप्पाजी अंबरीषा दरभा प्यारेलाल के रूप में वेनेला किशोर (कैमियो उपस्थिति) काजल अग्रवाल (गीत "पक्का लोकल" में एक आइटम गर्ल के रूप में)

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ