जगमोहनलाल सिन्हा

जगमोहनलाल सिन्हा (12 मई 1920 – 20 मार्च 2008) भारत के एक न्यायमूर्ति थे जिन्होने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सेवाएँ दी। वह १९७५ में उत्तर प्रदेश राज्य बनाम राज नारायण केस में दिये गये अपने ऐतिहासिक निर्णय के लिये प्रसिद्ध हैं जिसमें उन्होने तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया।
जीवन परिचय
जगमोहन लाल सिन्हा की शिक्षा शासकीय हाई स्कूल अलीगढ़, बरेली कॉलेज बरेली, मेरठ कालेज मेरठ में हुई। उन्होने कानून में स्नातक की शिक्षा ली और १९४३ से १९५५ तक बरेली में अधिवक्ता (प्लीडर) की तरह काम किया। उसके पश्चात ३ जून १९५७ तक बरेली में जिला सरकार के सलाहकार (आपराधिक) के रूप में कार्य किया। उसके बाद सिविल एवं सेसन जज के रूप में कार्य किया। फिर अतिरिक्त जिला जज के रूप में, जिला एवं सेसन जज के रूप में। उत्तर प्रदेश के कानून विभाग ने १९७० में उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायधीश नियुक्त किया (३ जनवररी, १९७० से)। अगस्त १९७२ को वे स्थायी न्यायधीश नियुक्त हुए।[1]
सन्दर्भ
- ↑ "HON'BLE MR. Jagmohan Lal Sinha". मूल से 23 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 मई 2017.
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- न्यायमूर्ति स्वर्गीय जगमोहनलाल सिन्हा (राँची एक्सप्रेस)
- फ़ैसला जो भारी पड़ा इंदिरा गांधी पर... (बीबीसी हिन्दी)
- न्यायमूर्ति सिन्हा, जिन्हें झुका नहीं सकीं इंदिरा गांधी