छप्पन भोग
हिन्दू लोग भगवान को छप्पनभोग का प्रसाद चढ़ाते हैं। इनमे निम्नलिखित भोग आते हैं:
- रसगुल्ला
- चन्द्रकला
- रबड़ी
- शूली
- दधी
- भात
- दाल
- चटनी
- कढ़ी
- साग-कढ़ी
- मठरी
- बड़ा
- कोणिका
- पूरी
- खजरा
- अवलेह
- वाटी
- सिखरिणी
- मुरब्बा
- मधुर
- कषाय
- तिक्त
- कटु पदार्थ
- अम्ल {खट्टा पदार्थ}
- शक्करपारा
- घेवर
- चिला
- मालपुआ
- जलेबी
- मेसूब
- पापड़
- सीरा
- मोहनथाल
- लौंगपूरी
- खुरमा
- गेहूं दलिया
- पारिखा
- सौंफ़लघा
- लड़्ड़ू
- दुधीरुप
- खीर
- घी
- मक्खन
- मलाई
- शाक
- शहद
- मोहनभोग
- अचार
- सूबत
- मंड़का
- फल
- लस्सी
- मठ्ठा
- पान
- सुपारी
- इलायची।[1]
इन छ: रसों के मेल से रसोइया कितने वयंजन बना सकता है?
अब एक एक रस से यानि से कोई व्यंजन नहीं बनता है। ऐसे ही छ: के छ: रस यानी मिला कर भी कोई व्यंजन नहीं बनता है।
= 6 और = 1
63 - (6+1) = 63 -7 = 56
इसीलिए 56 भोग का मतलब है सारी तरह का खाना जो हम भगवान को अर्पित करते है।
सन्दर्भ
- ↑ "Janmashtami 2017: Why Does The Chappan Bhog Include 56 Items?". food.ndtv.com. मूल से 3 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अक्तूबर 2017.