चैनत
चैनत Chanot | |
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चैनत हरियाणा में स्थिति | |
निर्देशांक: 29°00′23″N 75°49′12″E / 29.006353°N 75.819984°Eनिर्देशांक: 29°00′23″N 75°49′12″E / 29.006353°N 75.819984°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | हरियाणा |
ज़िला | हिसार ज़िला |
तहसील | हांसी |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 5,269 |
भाषा | |
• प्रचलित | हरियाणवी, हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 125033 |
चैनत (Chanot) भारत के हरियाणा राज्य के हिसार ज़िले में हांसी बरवाला मार्ग पर स्थित एक गाँव है। यह दूहन गौत्र के जाट जाति के निवासियों की बहुलता वाला गांव है।इसके अतिरिक्त न्यून जनसंख्या में अन्य जातियों के लोग भी यहां रहते हैं।इस गांव ने कृष्ण दूहन और टेकराम जैसे अमर बलिदानी युवकों को जन्म दिया है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान न्यौछावर की है ।
इतिहास
चैनत हांसी -१ तहसील में जाट जाति के दूहन गौत्र की बहुलता वाला गांव है। इसका नाम एक बूढ़ी महिला दादी चैन्नी देवी पर है, जो गाँव की पहली ग्रामीण थी। वह माहजोत गांव की बेटी थी और गौत्र चहल था और उनका विवाह सागबन गाँव में हुआ था और किसी कारणवश अपने पति के साथ वह इस स्थान पर आ गई जहाँ वर्तमान चैनत है। दादी चैनी के द्वारा बसाया गया दूसरा गांव पेटवाड़ है। चैनत में दादी चैन्नी के बड़े बेटों ने घर बसाये और छोटे बेटे के साथ बाद में दादी जी ने पेटवाड़ बसाया। इसी वजह से दोनों गांव का अटूट भाईचारा है। यह हरियाणा विधानसभा प्रणाली में हांसी निर्वाचन क्षेत्र में और संसदीय प्रणाली में हिसार निर्वाचन क्षेत्र में है। श्री दैयाराम गाँव के पहले नम्बरदार थे। चैनत गांव में बड़े ही बलशाली लोगों का इतिहास रहा है।जैसे दादा श्री कलियाराम दुहन जिनकी बहादुरी के कारण चैनत को हरियाणवी बोली में'कलिआ आली चैनत (दादा कलिये वाली चैनत)'के नाम से जाना गया। दादा थरयाम जैसे बली पुरुष इस गांव की माटी ने दिए जिनका डंका दूर दूर तक बजता है।
सुविधाएं
मूल रूप से यह एक आदर्श गांव है जिसमें प्राथमिक विद्यालय, हाई स्कूल, डिस्पेंसरी, ट्यूशन सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर, राशन वितरण केंद्र, एसबीआई कियॉस्क सेंटर, पशु चिकित्सा अस्पताल, सामुदायिक केंद्र, विवाह स्थल, विभिन्न चौपाल, पटवारी कार्यालय, बीएसएनएल एक्सचेंज जैसी सभी सुविधाएं हैं।, स्ट्रीट लाइट्स, पक्की सड़कें, बिजली शिकायत केंद्र, स्थानीय शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मेटल रोड्स के माध्यम से आस-पास के सभी गाँवों से संपर्क, आधुनिक बस स्टैंड और सार्वजनिक स्वास्थ्य टैंकर, बूस्टिंग पंपों के साथ। इसके अलावा गाँव में एक पेट्रोल पंप है जिसका नाम है रतन फिलिंग स्टेशन। और अमर बलिदानी कृष्ण कुमार दूहन के नाम पर एक खेल परिसर। खेल मैदान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और अमर बलिदानी कृष्ण कुमार दूहन की प्रतिमाऐं स्थापित की गई हैं।
भूगोल
चैनत राज्य राजमार्ग संख्या १७ (हांसी बरवाला रोड़) पर स्थित है। चैनत दक्षिण में हांसी-१ तहसील, उत्तर में बरवाला तहसील, पूर्व में नारनौंद तहसील और पश्चिम में हिसार- २ तहसील से घिरा हुआ है। चैनत से दक्षिण में हांसी (१२ किलोमीटर दूर), पश्चिम में हिसार (२२ किलोमीटर दूर), उत्तर में बरवाला (१८ किलोमीटर दूर) और पूर्व में जींद (४२ किलोमीटर दूर) स्थित हैं।
पड़ोस के गाँव
- भाटला ४ किमी
- खरकड़ी ५ किमी
- खोखा ४ किमी
- कुलाना ६ किमी
- सिंघवा राघो ६ किमी
- मसूदपुर ६ किमी
- सिंधड़ ७ किमी
सरपंच
गाँव में २४-११-२०२२ को श्रीमती सरस्वती देवी w/o हिमांशु दूहन को आरक्षित श्रेणी में सरपंच चुना गया।
गाँव के पूर्व सरपंच: -
- श्री शंभू दत्त शर्मा (चैनत के पहले सरपंच)
- सुधा राम दुहन (चैनत के सर्वाधिक बार के सरपंच)
- दलीप सिंह दुहन
- एडवोकेट वेद प्रकाश
- चन्दगी राम दुहन
- रणधीर सिंह दुहन
- जयबीर सिंह दुहन (१९९५-२०००)
- मास्टर जगदीश सिंह दुहन (२०००-२००५)
- इंद्रा देवी पत्नि राजपाल (२००५-२०१०) (आरक्षित)
- श्रीमती सज्जना सत्यवान दुहन (२०१०-२०१६)
- राममेहर शोभाराम सिंह दुहन(5-1-2016 से 2022)
शिक्षा
- आर्यावर्त वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय: २००३ में स्थापित।
श्री राममेहर दुहन जी ने स्थापित किया।
- राजकीय उच्च विद्यालय
- १९९७ में स्थापित लालजी राम मेमोरियल हाई स्कूल (LRM)
श्री राममेहर दुहन जी ने स्थापित किया।
तालाब (तालाब) (जोहड़)
- पंजरुखा (पाँच पेड़ों के नाम पर) (संस्कृत शब्द पंच + रूखा)।
- दादा चौवाला (दादा चूहे वाले के नाम पर)। इसे सार्वभौमिक रूप से बड़ा जोहड़ (बड़ा तालाब) कहा जाता है। बड़ी उम्र की महिलाएं इस तालाब पर जाती थी तो घूँघट निकलती थी ।
- जोहड़ी (दादा सिल्गा का तालाब)
- कुम्हार खड्डे
- डोभी (गाँव का पहला तालाब)।
पूजा के स्थान
मंदिर:
- दादा खेड़ा
- बाबा सत्तगिरी जी महाराज (सच्चे शिक्षक)
- बाबा लाल दास जी महाराज (सालाडेरी धाम वाले)।
- बाबा अतवार पुरी जी महाराज।
- बाबा बजरंग बली और भगवान शिव।
- बाबा जीतगर जी महाराज
- बाबा भीमगर जी महाराज
- बाबा बसंतगिरी जी महाराज।