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चैटम हाउस नियम

चैटम हाउस

चैटम हाउस नियम (Chatham House Rule) किसी बैठक में बहस, वार्ता या विचार-विमर्श करने की एक विधि होती है। चैटम हाउस नियम के अंतर्गत करी गई बैठक में प्राप्त कोई भी जानकारी उस बैठक में उपस्थित कोई भी सदस्य खुलकर कर सकता है, लेकिन वह इस बात का खुलासा नहीं कर सकता कि वह जानकारी बैठक में किस अन्य सदस्य ने उपलब्ध करी थी। इस नियम से बैठक में आने वाले लोग बिना झिझक या डर के अपने विचार प्रकट कर सकते हैं। यह नियम जून 1927 में लंदन में स्थित चैटम हाउस नामक विचारक समूह में आरम्भ हुआ। यहाँ देश-विदेश के कई महत्वपूर्ण संगठनों में काम कर रहे नेता, विशेषज्ञ, इत्यादि आते हैं और यह संस्था उनमें खुलकर वार्ता करवाने के लिए गुप्त बैठकें करवाती है।

नियम

सन् 1927 में पहली बार बनने के बाद, इस नियम को 1992 और फिर 2002 में थोड़ा सा विकसित करा गया। इसका 2002 का संस्करण इस प्रकार है:[1]

जब कोई बैठक, या उसका कोई भाग, चैटम हाउस नियम के अधीन करी जाती है, उस बैठक के भागीदार प्राप्त हुई जानकारी का प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उस जानकारी कहने वाले की पहचान य उसके अन्य किसी सम्बन्ध, या किसी भी अन्य भागीदार की पहचान या सम्बन्ध का खुलासा करने से वर्जित हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Chatham House Rule". About. United Kingdom: Chatham House. मूल से 10 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2014-07-14.