चक्षु लेंस
आइरिस के पीछे पारदर्शी एवं मुलायम उत्तकों से बना द्वि-उत्तल लेंस होता है, जिसे चक्षु लेंस (नेत्र-लेंस) कहते हैं। नेत्र-लेंस के अगले भाग की वक्रता त्रिज्या बड़ी तथा पिछले भाग की वक्रता त्रिज्या छोटी होती है। इसके द्वारा बाहरी वस्तुओं का उल्टा, छोटा तथा वास्तविक प्रतिबिंब, लेंस के पीछे दृष्टि पटल पर बनता है। नेत्र-लेंस के पदार्थ का अपवर्तनांक लगभग 1.44 होता है।